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________________ १४२९-१४४६] कछवाहारी वातां [१२५ १४२९. मंवत १६६८रा प्रथम आषाढ वद १रो जनम कछवाहा राजा वडा जैसिंघरो। १४३०. मानसिंघ भगवतसिघोत महासिंघ जगतसिघोत मेडतिया मधोदासोत जैमलोतरो दोहितो जैसिघ महासिंघोत सीसोदिया साहजी उदैसिंहोतरो दोहितो जैसिंघ विसनसिंघोत खेरवै जोधो कासीदास जिणरो दोहितो। १४३१ कछवाहै राजा वडै जैसिंघजी दिलीमें जैसिंघपुरो वसायो । १४३२ आबेररो राजा जयसिंघ महासिंघोत राजा सूरजसिंघजी उदैसिंघोतरी बेटी मरगावतीबाई परणियो जोधपुरमे । १४३३ बुरहानपुर हाडा राव रतनरी हवेली कनै डेरा हुवा वडा जैसिघजीरै मास दोय असमाध रही, पक्षाघात हुवो। १४३४ संवत १७२४रा आसोज वद ५ बुधवार रात घडी ६ पाछली हुती जद सहर बुरहानपुरमे राजा जैसिंघजी राम कह्यो पक्षाघात हुवो हो, दोय महीना खेद रही। १४३५ सवत १७२४रा आसोज वद ५ बुधवार रात घडी ६ पाछली रही जद राजा ___ कछवाहै वडै जैसिंघ राम कह्यो बुरहानपुरमे । १४३६ तपती नदीरै माथै मोहणी-सगमरै घाट दाग दिराणो। १४३७. राजाजीनै दाग पडियो तपती नदी ऊपर मोहणी-सगम जठ । १४३८ हाडा राव रतनरी हवेली कनै डेरो हुतो राणी अक राठोड वीकावतजी सत कियो वडारण पातर खवास मे ११ बळी । १४३९ राणी अक राठोड वीकावत साथ बळी इग्यारै पातर खवास साथ बळी । १४४०. राजा जैसिंघ सात हजारी जात सात हजारी अरदुअस्पा सह अस्पा मनसब हो । १४४१ जैसिंघजी देवलोक हुवा जद आपरै सात हजारी मनसब हो च्यार हजारी मनसब कुवर रामसिंघरै हुतो दोय - हजारी मनसब कुवर कीरतसिघरै हुतो। १४४२ कवर रामसिंघ जैसिंघोत मनसब च्यार - हजारी जात च्यार हजार असवार । १४४३ कवर कीरतसिंघ जैसिंघोत मनसब दोय - हजारी जात अठारह सौ सवार । १४४४ कुल मनसबरा दाम वीस करोड इकताळीस लाख ज्यांरा रुपिया इकावन लाख अठाईस हजार। १४४५ जैसिंघ विसनसिंघोत खैरवै जोधो कासीदास जिणरो दोहितो। १४४६ सवत १७८८ सवाई जैसिघ जैपुर वसायो आवेर राज करता कछवाहान हजार वर्ष हुआ जठा पछै जैपुर राजधानी ठहरायो ।
SR No.010598
Book TitleBankidasri Khyat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarottamdas Swami
PublisherRajasthan Puratattvanveshan Mandir
Publication Year1956
Total Pages233
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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