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पा० १० पा० ६ साविट्टिपुण्णिम०] सुत्तागमे
७०७ रेवई य अस्सिणी य, ता कत्तियण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दोण्णि णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-भरणी कत्तिया य, ता मग्गसिरीपुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दोण्णि णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-रोहिणी मिगसिरो य, ता पोसिण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता तिण्णि णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-अद्दा पुणव्वसू पुस्सो, ता माहिण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दोण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं०-अस्सेसा महा य, ता फग्गुणिण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दुण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं०-पुव्वाफग्गुणी उत्तराफरगुणी य, ता चेत्तिण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दोण्णि०, तं०-हत्यो चित्ता य, ता वेसाहिणं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दोणि णक्खत्ता जोएंति, तं०-साई विसाहा य, ता जेट्ठामूलिण्णं पुण्णिमासिणिं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता तिण्णि णक्खत्ता जोएंति, तं०-अणुराहा जेट्ठा मूलो, ता आसाढिण्णं पुण्णिमं कइ णक्खत्ता जोएंति ? ता दो णक्खत्ता जोएंति, तंजहा-पुव्वासाढा उत्तरासाढा ॥ ३६ ॥ [णाउमिह अमावासं जइ इच्छसि कम्मि होइ रिक्खम्मि । अवहारं ठाविजा तत्तियरूवेहि संगुणए ॥ १ ॥ छावट्ठी य मुहुत्ता बिसट्ठिभागा य पंच पडिपुण्णा । बासट्ठिभागसत्तट्ठिगो य इक्को हवइ भागो ॥ २ ॥ एयमवहाररासिं इच्छअमावाससंगुणं कुज्जा । णक्खत्ताणं एत्तो सोहणगविहिं णिसामेह ॥ ३ ॥ बावीसं च मुहुत्ता छायालीसं बिसट्ठिभागा य । एयं पुणव्वसुस्स य सोहयव्वं हवइ बुच्छं ॥ ४ ॥ बावत्तरं सयं फग्गुणीणं वाणउइय बे विसाहासु । चत्तारि य बायाला सोज्झा उ उत्तरासाढा ॥ ५॥ एयं पुणव्वसुस्स य बिसट्ठिभागसहियं तु सोहणगं । इत्तो अभिईआई बिइयं वुच्छामि सोहणगं ॥ ६ ॥ अभिइस्स णव मुहुत्ता बिस ट्ठिभागा य हुंति चउवीसं । छावट्ठी असमत्ता भागा सत्तट्ठिछेयकया ॥ ७ ॥ उगुणटुं पोट्टवयाइसु चेव णवोत्तरं च रोहिणिया । तिसु णवणवएसु भवे पुणव्वसू फग्गुणीओ य ॥ ८ ॥ पंचेव उगुणपण्णं सयाइ उगुणुत्तराई छच्चेव । सोज्झाणि विसाहासुं मूले सत्तेव चोयाला ॥ ९ ॥ अट्ठसय उगुणवीसा सोहणगं उत्तराण साढाणं । चउवीसं खलु भागा छावट्ठी चुण्णियाओ य ॥ १० ॥ एयाइ सोहइत्ता जं सेसं तं हवेइ णक्खत्तं । इत्थं करेइ उडुवइ सूरेण समं अमावासं ॥ ११ ॥ इच्छापुण्णिमगुणिओ अवहारो सोत्थ होइ कायव्वो । तं चेव य सोहणगं अभिईआई तु कायव्वं ॥ १२॥ सुद्धमि य सोहणगे जं सेसं तं भविज णक्खत्तं । तत्थ य करेइ उडुवइ पडिपुण्णो पुण्णिमं विउलं ॥ १३ ॥ ] ता साविट्ठिण्णं पुण्णिमासिणिं किं कुलं जोएइ उवकुलं ज़ोएइ कुलोवकुलं जोएइ ? ता कुलं वा जोएइ उवकुलं वा जोएइ कुलोवकुलं वा