________________
प०१० २० अचरम० अप्पाबहुयं] सुत्तागमे
वियडजोणी । एवं जाव चउरिंदियाणं । संमुच्छिमपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं संमुच्छिममणुस्साण य एवं चेव । गब्भवकंतियपंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं गब्भवनंतियमणुस्साण य नो संवुडा जोणी, नो वियडा जोणी, संवुडवियडा जोणी । वाणमंतरजोइसियवेमाणियाणं जहा नेरइयाणं ॥ ३५० ॥ एएसि णं भंते ! जीवाणं संवुडजोणियाणं वियडजोणियाणं संवुडवियडजोणियाणं अजोणियाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा जीवा संवुडवियडजोणिया, वियडजोणिया असंखिज्जगुणा, अजोणिया अणंतगुणा, संवुडजोणिया अणंतगुणा ॥ ३५१ ॥ कइविहा णं भंते ! जोणी पन्नत्ता ? गोयमा ! तिविहा जोणी पन्नत्ता । तंजहा—कुम्मुण्णया, संखावत्ता, वंसीपत्ता । कुम्मुण्णया णं जोणी उत्तमपुरिसमाऊणं । कुम्मुण्णयाए णं जोणीए उत्तमपुरिसा गब्भे वक्कमंति, तंजहाअरहंता, चक्कवट्टी, बलदेवा, वासुदेवा । संखावत्ता णं जोणी इत्थीरयणस्स, संखावत्ताए जोणीए बहवे जीवा य पोग्गला य वक्कमंति विउक्कमंति चयंति उवचयंति, नो चेव णं णिप्फजंति। वंसीपत्ता णं जोणी पिहुजणस्स, वंसीपत्ताए णं जोणीए पिहुजणा गन्भे वक्कमंति ॥ ३५२ ॥ पन्नवणाए भगवईए नवमं जोणीपयं समत्तं ॥
कइ णं भंते ! पुढवीओ पन्नत्ताओ ? गोयमा ! अट्ठ पुढवीओ पन्नत्ताओ। तंजहा-रयणप्पभा, सक्करप्पभा, वालुयप्पभा, पंकप्पभा, धूमप्पभा, तमप्पभा, तमतमप्पभा, ईसिप्पन्भारा ॥ ३५३ ॥ इमा णं भंते ! रयणप्पभा पुढवी किं चरमा, अचरमा, चरमाइं, अचरमाई, चरमंतपएसा, अचरमंतपएसा ? गोयमा ! इमा णं रयणप्पभा पुढवी नो चरमा, नो अचरमा, नो चरमाइं, नो अचरमाइं, नो चरमंतपएसा, नो अचरमंतपएसा, नियमाऽचरमं चरमाणि य, चरमंतपएसा य अचरमंतपएसा य, एवं जाव अहेसत्तमा पुढवी, सोहम्माई जाव अणुत्तरविमाणाणं एवं चेव, ईसिप्पब्भारा वि एवं चेव, लोगे वि एवं चेव, एवं अलोगे वि ॥ ३५४ ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए अचरमस्स य चरमाण य चरमंतपएसाण य अचरमंतपएसाण य दव्वट्ठयाए पएसठ्ठयाए दव्वट्ठपएसट्टयाए कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवे इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए दव्वट्ठयाए एगे अचरमे, चरमाइं असंखेजगुणाई, अचरमं च चरमाणि य दो वि विसेसाहिया, पएसठ्ठयाए सव्वत्थोवा इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए चरमन्तपएसा, अचरमंतपएसा असंखेजगुणा, चरमंतपएसा य अचरमंतपएसा य दो वि विसेसाहिया, दव्वट्ठपएसट्ठयाए सव्वत्थोवे इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए दव्वट्ठयाए एगे अचरमे, चरमाई असंखेनगुणाई, अचरमं चरमाणि य
HTHHTHHAHR