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वेलणयरसलक्खणं] सुत्तागमे
१११७ ॥ १० ॥ सक्कया पायया चेव, भणिईओ होंति दोण्णि वा । सरमंडलम्मि गिजंते, पसत्था इसिभासिया ॥ ११ ॥ केसी गायइ महुरं, केसी गायइ खरं च रुक्खं च । केसी गायइ चउरं, केसी य विलंबियं दुयं केसी ॥ १२ ॥ विसरं पुण केरिसी ? । गोरी गायइ महुरं, सामा गायइ खरं च रुक्खं च । काली गायइ चउर, काणा य विलंबियं दुयं अंधा ॥ १३ ॥ विस्सैरं पुण पिंगला । सत्तसरा तओ गामा, मुच्छणा इक्वीसई। ताणा एगणपण्णासं, सम्मत्तं सरमंडलं ॥ १४॥ सेत्तं सत्तणामे ॥१२८॥ से किं तं अट्ठणामे ? अट्ठणामे-अट्टविहा वयणविभत्ती पण्णत्ता। तंजहा-निद्देसे पढमा होइ, बिइया उवएसणे । तइया करणम्मि कया, चउत्थी संपयावणे ॥ १॥ पंचमी य अवायाणे, छट्ठी सस्सामिवायणे । सत्तमी सण्णिहाणत्थे, अट्ठमाऽऽमंतणी भवे ॥ २ ॥ तत्थ पढमा विभत्ती, निद्देसे 'सो इमो अहं व' त्ति । 'बिइया पुण उवएसे 'भण कुणम इमं व तं व' त्ति ॥ ३ ॥ तइया करणम्मि कया 'भणियं च कयं च तेण व मए' बा । 'हंदि णमो साहाए' हवइ चउत्थी पयाणम्मि ॥ ४ ॥ 'अवणय गिण्ह य एत्तो, इउ' त्ति वा पंचमी अवायाणे । छट्ठी तस्स इमस्स वा, गयस्स वा सामिसंबंधे ॥ ५॥ हवइ पुण सत्तमी तं, इमम्मि आहारकालभावे य। आमंतणी भवे अट्ठमी उ, जह 'हे जुवाण' त्ति ॥ ६॥ सेत्तं अट्ठणामे ॥ १२९ ।। से किं तं नवणामे ? नवणामे-नवकव्वरसा पणत्ता। तंजहा-गाहाओ-वीरो सिंगारो अब्भुओ य, रोदो य होइ बोद्धव्यो । वेलणओ बीभच्छो, हासो कलुणो पसंतो य ॥ १ ॥ (१) तत्थ परिचायम्मि य, (दाण)तवचरणसत्तुजणविणासे य । अणणुसयथिइपरकम-,लिंगो वीरो रसो होइ ॥१॥ वीरो रसो जहा-सो नाम महावीरो, जो रज पयहिऊण पव्वइओ । कामकोहमहासत्तु-, पक्वनिग्घायणं कुणइ ॥ २॥ (२)सिंगारो नाम रसो, रइसंजोगाभिलाससंजणणो। मंडणविलासविब्बोय-, हासलीलारमणलिंगो ॥ १ ॥ सिंगारो रसो जहा-महुरबिलाससललियं, हियउम्मायणकर जुवाणाणं । सामा महामं, दाएई मेहलादामं ॥ २॥ (३) विम्हयकरो अपुव्बो, अनुभूयापुब्यो य जो रसो होइ । हुरिसबिगाउप्पत्ति-, लक्खणो अव्भुओ नाम ॥ १ ॥ अब्भुओ रमो जहा-अब्भुयतरमिह एत्तो, अन्नं कि अस्थि जीवलोगम्मि ? । जं जिणक्यणे अत्या, तिकाल जुत्ता मुणिजति ॥ २॥ (४) भयजणणस्वस इंधयार-, चिंताकहासमुप्पण्णो । संमोहसंभमविसाय,-सरणलिंगो रसो रोदो ॥ १॥ रोदो रसो जहा-भिडडिविटंबियमुहो, संदोह इय रहिरमाकिण्णो । हसि पमं असुरणिभो, भीमरसिय अइरोद्द ! रोद्दोऽसि ॥ २ ॥ (५) विणओवयारगुज्मगुरु-, दारमेरावदा
१-२ गाहाहिगपयाइमेयाई।