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अ० ३६ ने० कालविभागपरूवणा० ] सुत्तागमे
१०५५ जहन्नयं । बेइंदियजीवाणं, अंतरं च वियाहियं ॥ १३५ ॥ एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ । संठाणादेसओ वावि, विहाणाइं सहस्ससो ॥ १३६ ॥ तेइंदिया उ जे जीवा, दुविहा ते पकित्तिया । पजत्तमपज्जता, तेसिं भेए सुणेह मे ॥ १३७ ॥ कुंथुपिवीलिउइंसा, उक्कलद्देहिया तहा । तणहारकट्टहारा य, मालूगा पत्तहारगा ॥ १३८ ॥ कप्पासत्थिीमजा य, तिंदुगा तउसमिंजगा । सदावरी य गुम्मी य, वोधव्वा इंदगाइया ॥ १३९ ॥ इंदगोवगमाईया,ऽणेगहा एवमायओ। लोगेगदेसे ते सव्वे, न सव्वत्थ वियाहिया ॥ १४० ॥ संतई पप्पऽणाईया, अपजवसिया वि य । ठिई पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य ॥ १४१ ॥ एगूणपण्णहोरत्ता, उक्कोसेण वियाहिया । तेइंदियआउठिई, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥ १४२ ॥ संखिज्जकालमुक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जहन्निया । तेइंदियकायठिई, तं कायं तु अमुंचओ ॥ १४३ ॥ अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं । तेइंदियजीवाणं, अंतरं तु वियाहियं ॥ १४४ ॥ एएसिं वण्णओ चेव, गंधओ रसफासओ। संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो ॥ १४५ ॥ चउरिंदिया उ जे जीवा, दुविहा ते पकित्तिया । पज्जत्तमपज्जत्ता, तेसिं भेए सुणेह मे ॥ १४६ ॥ अंधिया पोत्तिया चेव, मच्छिया मसगा तहा । भमरे कीडपयंगे य, टिंकुणे कंकणे तहा ॥ १४७ ॥ कुकडे सिंगिरीडी य, नंदावते य विच्छुए । डोले भिंगिरीडी य, विरली अच्छिवेहए ॥१४८॥ अच्छिले माहए अच्छि(रोडए), विचित्ते चित्तपत्तए । उहिंजलिया जलकारी य, नीयया तंबगाझ्या ॥ १४९ ॥ इय चउरिंदिया एए,ऽणेगहा एवमायओ। लोगेगदेसे ते सव्वे, न सव्वत्थ वियाहिया ॥ १५० ॥ संतई पप्पऽणाईया, अपजवसिया वि य । ठिई पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य ॥ १५१ ॥ छच्चेव य मासाऊ, उक्कोसेण वियाहिया । चटरिंदियआउठिई, अंतोमुहुत्तं जहन्निया ॥ १५२ ॥ संखिजकालमुक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जहनिया । चरिंदियकायटिई, तं कायं तु अमुंचओ ॥ १५३ ॥ अणंतकालमुक्कोसं, अंतोमुहुत्तं जहन्नयं । चउरिदियजीवाणं, अंतरं च वियाहियं ॥ १५४ ॥ एएसि वण्णओ चंब, गंधओ रसफासओ । संठाणादेसओ वावि, विहाणाई सहस्ससो ॥ १.५५ ॥ पंचिंदिया उ जे जीवा, चउविहा ते वियाहिया । नेरइया तिरिक्खा य, मणुया देवा य आहिया ॥ १५६ ॥ नेरदया सत्तविहा, पुढवीमु सत्तम् भवे । रयणाभसकाराभा, बाल्दयाभा य आहिया ॥ १५७ ।। पंकामा धूमाभा, तमा तमतमा तहा । दइ नेरदया एए, मनहा परिकिनिया ॥ १५८ ॥ लोगस्स एगदेसं मि, ते सव्वे उ वियाहिया । एनो काल
पाढंतरं-१ लोगस्स एगदसंमि, ते सव्वे परिकिनिआ। २ विजम्मि गए काए।