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सुत्तागमे
[ भगवई दियवज्झं घाणिंदियवज्झं जिभिदियवज्ज्ञं इत्थिवेयवचं पुरिसवेयवझं, एवं चउक्कएणं- मेदेणं जाव पज्जत्तवायरवणस्सइकाइया णं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ वेदेति ? गोयमा! एवं चेव च उद्दस कम्मप्पगडीओ वेदंति । सेवं भंते! २ त्ति ॥ ८४३॥३३-१-१॥ कइविहाणं भंते ! अणंनरोववन्नगा एगिदिया प० ? गोयमा ! पंचविहा अणंतरोववन्नगा एगिदिया प०, तं०-पुढविकाझ्या जाव वगस्सइकाइया, अणंतरोववन्नगा णं भंते ! पुढविक्काइया कइविहा प०१ गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-सुहुमपुटविकाइया य वायरपुडविकाइया य, एवं दुपएणं भेदेणं जाव वणस्सइकाइया । अणंतरोववन्नगसुहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ प० ? गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पगडीओ प०, तं०-नाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं, अणंतरोववन्नगवायरपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ प० ? गोयमा ! अट्ठ क्रम्मप्पगडीओ प०, तं-नाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं, एवं(चेव) जाव अगंतरोववन्नगवायरवणस्सइकाइयाणति, अणंतरोववन्नगसुहुमपुढविकाइया णं भंते! कइ कम्मप्पगडीओ वधंति ? गोयमा! आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ वंति, एवं जाव अर्णतरोववन्नगवायरव गस्सइकाइयत्ति । अणंतरोववन्नगनुहुमपुढविकाइया णं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ वेदेति ? गोयमा ! चउद्दस कम्मप्पगडीओ वेदेति, तं०-नाणावरणिजं तहेव जाव पुरिसवेयवज्झं, एवं जाव अणंतरोववन्नगवायरवणस्सइकाइयत्ति । सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति ॥८४४॥३३-१-२॥ कइविहा गं भंते! परंपरोक्वन्नगा एगिंदिया प० ? गोयमा ! पंचविहा परंपरोववन्नगा एगिदिया प०, तं०-पुढविकाइया एवं चउकओ भेदो जहा ओहि (य)उद्देसए । परंपरोववन्नगअपज्जत्तसहुमपुडविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ प०? एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओहि(य)उद्देसए तहेव निरवसेसं भाणियव्वं जाव चउद्दस वेदेति । सेवं भंते ! २ ति ॥ ८४५ ॥ ॥ ३३-१-३॥ अणंतरोगाढा जहा अणंतरोववन्नगा ४॥ परंपरोगाढा जहा परंपरोववन्नगा ५॥ अणंतराहारगा जहा अणंतरोववन्नगा ६ ॥ परंपराहारगा जहा परंपरोववन्नगा ७॥ अणंतरपज्जत्तगा जहा अणंतरोववन्नगा ८ ॥ परंपरपजत्तगा जहा परंपरोववन्नगा ९ ॥ चरिमावि जहा परंपरोववन्नगा तहेव १० ॥ एवं अचरिमावि ११॥ एवं एए एकारस उद्देसगा । सेवं भंते ! २ त्ति जाव विहरइ ॥ ८४६॥ पढम एगिदियसयं समत्तं ॥१॥ कइविहा णं भंते ! कण्हलेस्सा एगिदिया प० ? गोयमा! पंचविहा कण्हलेस्सा एगिंदिया प०, तं०-पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया । करहलेस्सा णं भंते ! पुटविकाइया कइविहा प० ? गोयमा ! दुविहा प०, तं०-हुमपुढविकाइया य वायरपुढविकाझ्या य, कण्हलेस्सा णं भंते ! सुहुमपुडविकाझ्या कविहा