________________
वि० ५० स० ३३-६] सुत्तागमे
९१५ प०? गोयमा ! एवं एएणं अभिलावेणं चउक्कभेदो जहेव ओहिए उद्देसए जाव वणस्सइकाइयत्ति, (अणंतरोववन्नग) कण्हलेस्सअपज्जत्तसुहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ प० ? एवं चेव एएणं अभिलावणं जहेव ओहि (ओ अणंतरोववण्णग) उद्देस (ओ)ए तहेव पन्नत्ताओ तहेव बंधति तहेव वेदेति । सेवं भंते ! २ त्ति ॥ कइविहा गं भंते । अणतरोववन्नगा कण्हलेस्सा एगिदिया पन्नत्ता ? गोयमा ! पंचविहा अणंतरोववनगा कण्हलेस्सा एगिंदिया एवं एएणं अभिलावेणं तहेव दुपओ भेदो जाव वगस्सइकाइयत्ति, अणतरोववन्नगकण्हलेस्ससहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्प. गडीओ प० ? एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओहिओ अणतरोववनगाणं उद्देसओ तहेव जाव वेदेति । सेवं भंते । सेवं भंते ! ति ॥ कइविहा णं भंते ! परंपरोवव. नगा कण्हलेस्सा एगिदिया प० ? गोयमा ! पंचविहा परंपरोववन्नगा कण्हलेस्सा एगिदिया पत्नत्ता, तंजहा-पुढविकाइया एवं एएणं अभिलावेणं तहेव चउक्कओ भेदो जाव वगरसइकाइयत्ति, परपरोववन्नगकण्हलेस्सअपजत्तसहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ प० ? एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिओ परंपरोववन्नगउद्देसओ तहेव जाव वेदेति, एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिएगिदियसए एकारस उद्देसगा भणिया तहेव कण्हलेस्ससएवि भाणियव्वा जाव अचरिमचरिमकण्हलेस्सा एगिदिया ।। ८४७ ॥ विइयं एगिदियसयं समत्तं ॥ २ ॥ जहा कण्हलेस्सेहि भणियं एवं नीललेस्सेहिवि सयं भाणियव्वं । सेवं भंते ! २ त्ति ॥ तइयं एगिदियसयं समत्तं ॥ ३ ॥ एवं काउलेस्सेहिवि सयं भाणियव्वं नवरं काउलेस्सेत्ति
अभिलावो भाणियव्वो ॥ चउत्थं एगिदियसयं समत्तं ॥ ४ ॥ कइविहा णं भंते । भवसिद्धिया एगिदिया प०? गोयमा । पंचविहा भवसिद्धिया एगिदिया प०, तं०पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया मेदो चउक्कओ जाव वणस्सइकाइयत्ति । भवसिद्धियअपज्जत्तसुहुमपुढविकाइयाणं भंते । कइ कम्मप्पगडीओ प० ? एवं एएणं अभिलावेणं जहेव पढमिल्लगं एगिदियसयं तहेव भवसिद्धियसयंपि भाणियव्वं, उद्दसगपरिवाडी तहेव जाव अचरिमोत्ति । सेवं भंते । २ त्ति ॥ पंचम एगिदियसयं समत्तं ॥ ५ ॥ कइविहा गं भंते ! कण्हलेस्सा भवसिद्धिया एगिदिया प० ? गोयमा! पंचविहा कण्हलेस्सा भवसिद्धिया एगिंदिया प०, तं०-पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया, कण्हलेस्सभवसिद्धियपुढविकाइया णं भंते ! कइविहा प० ? गोयमा । दुविहा प०, तं०-सुहुमपुढविकाइया य वायरपुढविकाइया य, कण्हलेस्सभवसिद्धियसुहुमपुढविकाइया णं भंते ! कइविहा प० ? गोयमा ! दुविहा प०, तंजहा-पजत्तगा • य अपज्जत्तगा य, एवं वायरावि, एवं एएगं अभिलावेणं तहेव चउक्कओ भेदो भाणि