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म० १० ]
सुत्तागमे
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जोइ चित्तंगा; चित्तरसा मणियंगा गेहागारा अणियणा य ॥ १०५८ ॥ जंबूदीवे २ भारहे वासे तीताए उस्सप्पिणीए दस कुलगरा होत्थां तं ० - सयजले सयाऊ य अणंतसेणे य अमितसेणे य, तकसेणे भीमसेणे महाभीमसेणे य सत्तमे ( १ ) दढरहे दसर हे सयरहे || १०५९ ॥ जंबुद्दीवे २ भारहे वासे आगमीसाए उस्सप्पिणीए दस कुलगरा भविस्संति तं ० - सीमंकरे सीमंधरे खेमंकरे खेमंधरे विमलवाहणे संमुई पडिसुए दढवणू दसवणू सयधणू ॥ १०६० ॥ जंबुद्दीवे दीवे मंदरपव्वयस्स पुरच्छिमेणं सीयाए महानईए उभओ कूले दस वक्खारपव्वया प० तं ० - मालवंते चित्तकूडे विचित्तकूडे वंभकूडे जाव सोमणसे ॥ १०६१ ॥ जंबूमंदरपचत्थिमे णं सीओआए महाणईए उभओ कूले दस वक्खारपव्वया प० तं०विज्जुप्पभे जाव गंधमायणे एवं धायइसंडपुरच्छिमदेवि वक्खारा भाणियव्वा जाव पुक्खरवरदीवद्धपञ्चत्थिमद्धे ॥ १०६२ ॥ दसकप्पा इंदाहिठिया प० तं० सोहम्मे जाव सहस्सारे पाणए अच्चुए एएस णं दससु कप्पेसु दस इंदा प० तं०-सक्के ईसा जांच अच्चुए एएस णं दसहं इंदाणं दस परिजाणियविमाणा प० तं ० - पालए पुप्फए जाव विमलवरे सव्वओभद्दे ॥ १०६३ || दस दसमिया णं भिक्खुपडिमा णं एगेण राइदियस एणं अद्धछठेहिं य भिक्खासएहिं अहासुत्ता जांव आराहियावि भवइ ॥ १०६४ ॥ दसविहा संसारसमावन्नगा जीवा प० तं०- पढमसमयएगिंदिया अपढमसमयएगिंदिया एवं जाव अपढमसमयपंचिंदिया ॥ १०६५ ॥ दसविहा सव्वजीवा प० तं०- पुढविकाइया जाव वणस्सइकाइया वेदिया जाव पंचिंदिया अणिदिया ॥ १०६६ || अहवा दसविहा सव्वजीवा प० तं० पढमसमयनेरइया अपढमसमयनेरइया जाव अपढमसमयदेवा पढमसमयसिद्धा अपढमसमयसिद्धा ॥ १०६७ ॥ वाससयाउयस्स णं पुरिसस्स दस दसाओ प० तं ० - वाला किड्डा य मंदा य वला पन्ना य हायणी, पवंचा पव्भारा य मुंमुही सावणी तहा ॥ १०६८ ॥ दसविहा तणवणस्सइकाइया प० तं०-मूले कंदे जाव पुप्फे फले बीए सव्वओवि णं विजाहरसेढीओ दसदसजोयणाई विक्खंभेणं प० ॥ सव्वओवि णं - आभिओगसेढीओ दस दस जोयणाई विक्खंभेणं प० ॥ १०७१ ॥ गेविज्जगविमाणाणं दस जोयणसयाई उद्धुं उच्चत्तेणं प० ॥ १०७२ | दसहि ठाणेहिं सह तेयसा भासं कुज्जा, तं० केइ तहाख्वं समणं वा माहणं वा अच्चासाएजा, से य अच्चासाइए समाणे परिकुविए तस्स तेयं निसिरेजा से तं परितावे, से तं परितावित्ता तामेव सह तेयसा भासं कुज्जा, केइ तहारूवं समणं वा माहणं वा अच्चासाएजा से य अच्चासाइए समाणे देवे, परिकुविए तस्स तेयं निसिरेज्जा से तं परि
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