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सुत्तागसे
[ठाणे
प्पहीणे ॥९९५॥ णमी णं अरहा दस वाससहस्साइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जाव प्पहीगे ॥ ९९६॥ पुरिससीहे णं वासुदेवे दसवाससयसहस्साइं सव्वाउयं पालइत्ता छठीए तमाए पुढवीए नेरइयत्ताए उववन्ने ॥ ९९७ ॥ णेमी गं अरहा दस धणूई उद्धं उच्चत्तेणं दस य वाससयाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे जावप्पहीणे ॥ ९९८ ॥ कण्हे णं वासुदेवे दस धणूइं उर्दू उच्चत्तेणं दसवाससयाइं सव्वाउयं पालइत्ता तच्चाए वालुयप्पभाए पुढवीए नेरइयत्ताए उववने ॥ ९९९ ॥ दसविहा भवणवासी देवा प० तं०-असुरकुमारा जाव थणियकुमारा ॥ १००० ॥ एएसि णं दसविहाणं भवणवासीणं देवाणं दस रुक्खा प० तं०-आसत्थ सत्तिवण्णे सामलि उंबर सिरीस दहिवन्ने, वंजुल पलास वप्पे तए य कणियाररुक्खे ॥ १००१ ॥ दसविहे सोक्खे प० तं०-आरोग्ग दीहमाउं अड्डेज काम भोग संतोसे; अत्थि सुहभोग निक्खम्ममेव तत्तो अणाबाहे ॥१००२॥ दसविहे उवघाए प० तं०-उपगमोवघाए उप्पायणोवघाए जह पंचमे ठाणे जाव परिहरणोवघाए णाणोवधाए दसणोवघाए चरित्तोवघाए अचियत्तोवघाए सारक्खणोवघाए ॥ १००३ ॥ दसविहा विसोही प० तं०-उग्गमविसोही उप्पायणविसोही जाव सारक्खणविसोही ॥ १००४ ॥ दसविहे संकिलेसे प० तं०-उवहिसंकिलेसे उवस्सयसंकिलेसे कसायसंकिलेसे भत्तपाणसंकिलेसे मणसंकिलेसे वइसंकिलेसे कायसंकिलेसे णाणसंकिलेसे दसणसंकिलेसे चरित्तसंकिलेसे ॥ १००५ ॥ दसविहे असंकिलेसे प० तं० उवहिअसंकिलेसे जाव चरित्तअसंकिलेसे ॥ १००६ ॥ दसविहे बले प० तं०-सोइंदियवले जाव फासिंदियबले णाणबले दसणबले चरित्तबले तववले वीरियबले ॥ १००७ ॥ दसविहे सच्चे प० तं०-जणवय सम्सय ठवणा नामे रूवे पडुच्चसच्चे य, ववहार भाव जोगे दसमे ओवम्मसच्चे य ॥ १००८ ॥ दसविहे मोसे प० तं०-कोहे माणे माया लोभे पिजे तहेव दोसे य, हास भए अक्खाइय उवघायनिस्सिए दसमे ॥ १००९ ॥ दसविहे सच्चामोसे प० तं० उप्पन्नमीसए विगयमीसए उप्पन्नविगयमीसए जीवमीसए अजीवमीसए जीवाजीवमीसए अणंतमीसए परित्तमीसए अद्धामीसए अद्धद्धामीसए ॥ १०१० ॥ दिठिवायस्स णं दस नामधेजा प० तं० दिठिवाएइ वा हेउवाएइ वा भूयवाएइ वा तच्चावाएइ वा सम्मावाएइ वा धम्मावाएइ वा भासाविजएइ वा पुव्वगएइ वा अणुजोगगएइ वा सव्वपाणभूयजीवसत्तसुहावहेइ वा ॥ १०११॥ दसविहे सत्ये प० तं०-सत्थमग्गी विसं लोणं सिणेहो खार मंबिलं, दुप्पउत्तोमणो वाया काया भावो य अविरई ॥ १०१२ ॥ दसविहे दोसे प० त०-तज्जायदोसे मइभंगदोसे पसत्यारदोसे परिहरणदोसे, सलक्खण कारण हेउदोसे संकामणं निग्गह वत्युदोसे