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उपात्तप्रमाणानि
पु. सं. पङ्क्ति सं. परेण परधर्मीवास) मोक्षधर्म 313, 26-31 ... 6 12
.... 1723 पवित्राणां पवित्रं यो (आ) स. ना. . 189 13 पशुना यजेत (आ)
..... 35 14 पश्यत्यचक्षुः स शृणोत्यकर्णः (स) श्वे. 3-19
3147 पादपांसुना यूपमनक्ति (आ)
.. 17421 पादोऽस्य विश्वा भूतानि (स) पु. सू
.... 479 पिकद्विरेफावलिगीतशोभम् (आ)
.... 11 14 पुमांस्त्रिया (आ) पा. सू. 1-2-67 .... 303 18 पुरुष एवेदगं सर्वं (स) पु. सू .
.. 449 . 2104
2452 पुरुषश्चाप्युभावेतौ (स) वि. पु. 6-4-39 .. 1799 पुरुषोत्तमः कः (आ) स्तो. र, 12 श्लो
.... 64 17 पूर्णस्य पूर्णः (आ)
.... 324 23 पूर्णषागुण्यविग्रहं (आ)
... 281 17 पूर्वाबाधेन नोत्पत्तिः (स)
.... 2568 पृथगात्मानं (आ) श्वे. 1-6
... 5 19 "
. 1728
246 21 पौर्वापर्ये पूर्वदौर्बल्यं (आ) पू. मी. 6-5-54 प्रकृति पुरुषं चैव (स) गी. 13-19 सू.
.... 5 4
. 1238 प्रकृतिर्या मयाऽऽख्याता (स) वि. पु. 6-4-39
... 278 10 प्रकृतिर्विष्णुरीशानः (आ) रुद्रयामले वामागमे प्रजापतिर्वा एक एवाग्र आसीत् (आ) मै. 2-6 प्रजापतिश्चरति गर्ने अन्तः (आ) म. ना. 1-1 प्रत्यक्पराक्व (आ) त-मु. 1-6