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उपात्तप्रमाणानि
पु. सं. पतित सं. नित्यो नित्यानां चेतनश्चेतनानां (आ) क. 5-13, श्वे. 119 14 6-13.
.... 127 28
... 246 21 निरञ्जनः परमं साम्यं (आ) मु. 3-1-3 .... 127 22 " (स) ,
171 निरवा (स) श्वे. 6-19
1649 निरुपाधी च वर्तेते (स)
568 निर्दोषो निरनिष्टः (स)
.... 2915 निर्विकारं निरञ्जनं निरवा (आ) श्वे. 6-19 132 निष्कलं निष्क्रिय शान्तं (स) श्वे. 6-19
127 , (आ) , निष्कलं निर्विकारं (आ)
.... 290 10 निष्कृष्टऽस्मिन् शरीरिणि (आ) त. मु. 3-25 श्लो. 117 नेति नेति (स) वृ. 2-3-6
.... 246 15
. 247 10 ,, (आ) ,
... 246 22 नेह नानाऽस्ति (आ) वृ. 4-4-19
.. 66 11
... 2456 नैतं सेतुं (स) छा. 8-4-1 3-4-1
. 488
291
पञ्चस्विजस्समन्वारब्धाः (आ)
... 260 12 पण्डितास्समदर्शिनः (आ) गी. 5-18
.... 246 पति विश्वस्यात्मेश्वरं (स) म. ना. 11-3 ....7 8 पयसा जुहोति (आ)
.. 174 21 परात्परं पुरुषमुपैति (स) मु. 3-2-8
171 पराभिध्यानात्तु तिरोहित (स) 5. सू. 3-2-4 .. 170 पराऽस्य शक्तिर्विविधैव (स) श्वे. 6-8 ....
.... 67 11 (भा) ,
.. 29420