SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 59
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ उपात्तप्रमाणानि पु. सं. पङ्क्ति सं. ताकाशं सनातनम् (स) श्री रा. उ. का. .... 2747 ततो यदुत्तरतरं (स) श्वे. 3-10 , (आ) , .... 45 .. 45 16 तस्वमसि (आ) छा. 6-8-7, 6-9-4 .... 172 16 " .... 244 14 तत्त्वमस्ययमात्मा ब्रह्म (स) बृ. 2-5-19 तत्र यः परमात्माऽसौ (स) मो. ध. ... 173 तत्रानन्दमया लोकाः (आ) .... 280 19 तत्सत्यं स आत्मा (आ) छा. 6-8-7 ..., 190 16 तत्सवितुर्वरेण्यं (स) बु. 6-3-6, मै. 6-7, म. ना. ____41 15-2. तत्सृष्ट्वा तदेवानु (स) तै. 2-6-1 ... 367 तथाऽऽत्मैकोऽप्यनेकस्थः (स) .... 136 15 तथापि पुरुषाकारः (आ) जितन्ते स्तोत्रम् तदक्षरं (स) श्वे. 4-18 .. 419 तदक्षरं तदमृतं (आ) .... 48 तदक्षरे (आ) म. ना. 1-2, 3 .... 276 14 .... 27420 तदन्यस्मिन्ननाश्वासात् (स) कुसुमाञ्जलि 2-1 . . तदरूपमनामयम् (स) श्वे. 3-10 . 454 तदाज्यानामाज्यत्वं (आ) ... 189 14 तदात्मानं स्वयमकुरुत (स) तै. 2-7-1 .... 118 15 तदुपर्यपि बादरायणः (आ) ब्र सू . 1-3 25 तदेव लग्नं सुदिनं तदेव (आ) ... 61 20 तदैक्षत (स) छा• 6-2-3 .... 2 10 तदैक्षत बहु स्यां (स) छा. 6-2-3 .... 849 तद्धदं तह व्याकृतमासीत् (स) बृ. 1-4-7 .... 2 8 .... 2786 (आ) .... 180 23
SR No.010565
Book TitleTattvarthamuktakalap and Sarvarthasiddhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVedantacharya
PublisherSrinivasgopalacharya
Publication Year1956
Total Pages426
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size42 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy