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सर्वार्थ
सिद्धि
टीका
अ. ८
॥ चौपाई ॥
पुण्यपापमय है संसार । दोऊ करमबंध परकार ॥
ऐसें पुण्य गहौ जिय सार । जो शिवमारगमें सहकार ॥ २ ॥ ऐसे तत्वार्थका है अधिगम जातें ऐसा जो मोक्षशास्त्र ताविषै आठमा अध्याय पूर्ण भया ॥
इति श्री परमपूज्य धर्मसाम्राज्यनायक योगींद्रचूडामणि, सिद्धांतपारंगत, चारित्रच्क्रवर्ती श्री १०८ आचार्य श्रीशांतिसागरजी महाराजके आदेशसे ज्ञानदानके लिए श्री. प. पू. चा. च. आ. श्री १०८ शांतिसागर दिगंबर जैन जीर्णोद्धारक संस्थाकी ओरसे
छपी हुई श्री तत्त्वार्थसूत्रकी श्रीमत्पूज्यपादाचार्य विरचित सर्वार्थसिद्धीकी पंडित जयचंदजीकृता टीका
वचनिकाविषै आठमा अध्याय संपूर्ण भया ॥ ८ ॥ ग्रंथप्रकाशन समिति, फलटण चौर सं. २४८१
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