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टीका
३) होय तैसें जानना ॥ । तहां कोई कहै, ज्ञानावरण है सोही मोह है । जातें हिताहितकी परीक्षा न होय सो ज्ञानावरण, सोही मोह, यामें है
। भेद कहा ? ताका समाधान, जो, अर्थकू यथार्थ न जाने सो तौ ज्ञानावरण है । बहुरि यथार्थ जानिकार भी यऊ ऐसँही । पाय- है ऐसी नचिरूप सत्यार्थवि श्रद्धानका अभाव सो मोह है ऐसा भेद जाका जानना । अथवा कार्यके भेदतें भी सिदि
निका 10 कारणका भेद जानिये । अज्ञान अदर्शन तौ ज्ञानावरण दर्शनावरणके कार्य हैं। अर अतत्वश्रद्धान रागद्वेपरूप इष्ट अनिष्ट |
पान अ.का चुद्धि मोहका कार्य है । ऐसेंही कार्यके भेदतें कारणका भेद मूल उत्तर प्रकृतिनिवि सर्वत्र जानना । बहार कर्मके भेद है, 1 ते शब्दकी अपेक्षा तो एकतै ले संख्यात भेदं जानने । तहां सामान्यकार तो बंधरूप कर्म एक है । सोही पुण्यपापके
भेदते दोय प्रकार है बहुरि सोही अनादि सांत, अनादिअनंत, सादिसांत, ऐसे तीनिप्रकार है । तथा भुजाकार अल्पतर अवस्थित भेदतें भी तीनिप्रकार कहिये । बहुरि प्रकृति स्थिति अनुभव प्रदेशभेदते च्यारि प्रकार है । बहुरि द्रव्य क्षेत्र काल भव भाव इनके निमित्तके भेदतें पांचप्रकार है । बहुरि छै जीवनिकायके भेदतें छहप्रकार हैं । बहुरि राग द्वेप क्रोध मान माया लोभ ए सात कारण हैं । तिनिकी अपेक्षा तौ सात प्रकार हैं । बहुरि ज्ञानावरणादिके भेदतें अष्टप्रकार हैं । ऐसैं शब्द तौ संख्यातभेद हैं । बहुरि अध्यवसायस्थानके भेदते असंख्यातभेद हैं । बहुरि पुद्गलपरिणामरूप स्कंधभेदते अनंतभेद हैं । अथवा ज्ञानावरण आदिके अनुभवके अविभागपरिच्छेदनिकी अपेक्षा अनंतभेद हैं । बहुरि इनका अनुक्रम कहनेका प्रयोजन कहै हैं। तहां ज्ञान है सो आत्माके अधिगमकं निमित्त है, तातै प्रधान है, ताते आदिमें ज्ञानावरण कह्या ताके पीछे दर्शनावरण कह्या । सो दर्शनहू अनाकार उपयोगस्वरूप है, ताते युक्त है । बहुरि ताके पीछे वेदनीय कह्या, सो ज्ञान दर्शन सुख दुःख जाननेका विरोधी है । जाते मोही होयकरि सुख दुःख हिताहितका विचार नाहीं करै है, बहुरि याके पीछे आयु कह्या सो सुख दुःख आदि भवके आश्रय है भवकू आयु निमित्त है ।। ताते युक्त है । बहुरि ताके पीछै नाम कह्या । जाते आयुके उदयके आश्रय नाम है । गति आदिका उदय कार्यकारी होय
है। ताके पीछे भी अंतराय कह्या । सो प्रयोजन कहे पीछे अवशेष रहै सो अंतमही आवै । ऐसें क्रमप्रयोजन २ जानना ॥ आगें पूछे है, कि, कर्मबंध प्रकृतिका भेद तो अष्टप्रकार कह्या, अव उत्तरप्रकृतिबंध, कहना । ऐसें पूछे |
सूत्र कहें हैं