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संस्थानभेदतमाया आतप उरसहित अक्षरहाररहित द्वीन्द्रिय, पुरुषके ।
हा अग्नितें पृथ्वी होना इत्यादि जातिसंकर देखिये है । तातें अन्यमतीका कहना प्रमाणसिद्ध नाहीं हैं ॥ ___ आगें तिस पुदगलहीके विकारके विशेषके जानने• सूत्र कहै हैं
॥ शब्दबंधसाक्षम्यस्थौल्यसंस्थानभेदतमश्छायाऽऽतपोद्योतवन्तश्च ॥ २४ ॥ याका अर्थ- शब्द बंध सौक्ष्म्य स्थौल्य संस्थान भेद तम छाया आतप उद्योत इनसहित हैं ते भी पुद्गल हैं। तहां निका का शब्द दोयप्रकार हैं, भाषास्वरूप अभाषास्वरूप । तहां भाषास्वरूप दोयप्रकार है, अक्षरसहित अक्षररहित । तहां अक्षरसहित । पान
तौ संस्कृत देशभाषारूप आर्य म्लेंच्छके व्यवहारकू कारण, शास्रका प्रगट करणहारा है । बहुरि अक्षररहित द्वीन्द्रिय आदि २२७ जीवनिकै पाईये है। सो सूक्ष्मज्ञानके स्वरूप कहनेकू कारण है । सो यह भापास्वरूप तौ सर्वही प्रायोगिक है, पुरुषके I प्रयत्नतें होय है । बहुरि अभाषास्वरूप शब्द है सो दोयप्रकार है, प्रायोगिक वैस्रासिक । तहां वैस्रासिक तौ बलाहक कहिये मेघका गर्जना आदिक है । बहुरि प्रायोगिक च्यारि प्रकार है। तत वितत घन सुपिर ऐसें । तहां चर्मके तवनेतें ढोल नगारे डफ आदिकार उपजै सो तो तत कहिये । बहुरि तांति तारकरि वीण सुघोष सहतार तमूरे आदिकरि उपजै सो वितत है । बहुरि ताल घंटाका हलावना आदिकार होय सो घन है । बहुरि बंशुरी शंख आदितै उपजै सो सुषिर है॥
बहुरि बध दोय प्रकार है, वैनसिक प्रायोगिक । तहां पुरुषके प्रयत्नकी अपेक्षाते रहित होय, सो वैनसिक है। सो रूक्ष सचिक्कण गुणके निमित्ततें बिजिली उल्का आदि अरु इंद्रधनुष आदि होय है । बहुरि पुरुषके प्रयत्नतें होय सो का | प्रायोगिक है । सो अजीवसंबंधी तौ लाखकै अर काष्ठकै बंधन होय, सो है । बहुरि कर्मनोकर्मका बंधन होय है, सो जीव अजीव दोयसंबंधी है ॥
बहुरि सूक्ष्म दोय प्रकार है, अन्त्य आपेक्षिक । तहां परमाणु तौ अन्त्यसूक्ष्म है । बहुरि बीलफलते सूक्ष्म आंवला या तिनतें सूक्ष्म बोर इत्यादि आपेक्षिक सूक्ष्म है ॥
____ बहुरि स्थौल्य भी दोयप्रकार है, अन्त्य आपेक्षिक । तहां जगद्व्यापी महास्कंध तो अंत्य स्थौल्य है । बहुरि बोरतें ।। । बडा आंवला, आंवलाते बडा बीलफल, बीलतें बडा तालफल इत्यादि आपेक्षिक स्थौल्य है ॥
संस्थान कहिये आकार, सो दोयप्रकार है इत्थंलक्षण अनित्थंलक्षण । तहां गोल तिकूणा चौकूणा लंबा इत्यादि तौ । इत्थंलक्षण है, ऐसा है ऐसें कह्या जाय है । बहुरि अनित्थंलक्षण है, सो अनेकप्रकार है । सो बादलनिके आकार आदि । है । सो कैसे हैं, ऐसे कहे जाते नाही।