________________
૨૭૮
श्रीमदल्लभाचार्य से विवाद चला आ रहा है । अभी तक उस का कुछ भी निर्णय नहीं हुआ । इस घर के अधिकारी तीन गोस्वामी अपने २ को बताते हैं । सुरत में विराजमान विद्वद्वर्य श्री बजरत्नलालजी महाराज, बडोदा के श्रीवल्लभलालजी महाराज तथा काशी के श्री मुरलीधरजी महाराज अपने २ को षष्ठ पीठाधीश बताते हैं । इन के सेव्य श्रीबालकृष्णजी-श्रीमुकुन्दरायजी एवं श्रीकल्याणरायजी क्रमशः हैं।
सप्तम पीठ-सम्प्रदाय का सप्तम पीठ कामवन में विराजमान श्रीमदनमोहनजी का है । इस पीठ के अधीश्वर श्री रमणलालजी महाराज हैं।
इन सात पीठों के अतिरिक्त गोद के स्वरूप भी संप्रदाय में तत्तत्स्थानों पर विराजते हैं । अमदाबाद में विराजमान श्रीनटवरलालजी का स्वरूप श्रीमहाप्रभुजी द्वारा सेवित है। सुरत में विराजमान श्रीबालकृष्णलालजी का स्वरूप भी श्री महाप्रभुजी द्वारा सेवित है। यह स्वरूप पूर्व में श्री द्वारका धीश की गोद में विराजते थे ।
परीक्षार्थ प्रश्न । सम्प्रदाय का सर्वपूज्य धाम कौन सा है ? सम्प्रदाय के प्रथम, तृतीय, पंचम और सप्तम पीठ कौनकौन से हैं ? और उनके अधीश्वर सम्प्रति कौन हैं ? गादेके स्वरुप कौन से हैं ?