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शुद्ध पुष्टि भक्ति
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WAPNA-VASVA
भगवान् के भक्त को शुद्ध भक्ति वडी कठिनतासे प्राप्त होती है । भगवान् जिस पर कृपा करते हैं, जिसको इस योग्य समझते हैं उसी को शुद्ध पुष्टि भक्ति का दान करते हैं। अभी तक जगत में शुद्ध पुष्टि भक्ति श्रीगोपीजनों को छोडकर और किसी को प्राप्त नहीं हुई।
कितने ही अज्ञान और अहम्मन्य वैष्णव अपने आपको शुद्ध पुष्टि मक्त मानकर शास्त्र में कही गई आज्ञाओं की अवहेलना कर अपने आप को लोक वेद से परे मानने लगते हैं यह उनकी भारी भूल है । यह ठीक है कि जिसे शुद्ध पुष्टि भक्ति प्राप्त हो जाती है वह लोक और वेद मर्यादा से बहुत कुछ मुक्त हो जाता है । किन्तु स्मरण रहे यह अवस्था बड़ी कठिनता से प्राप्त होती है । इस वात को और स्पष्ट करने के लिये हम यहां कुछ विस्तार करेंगे।