SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 178
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ OnionMOMOINGH पुष्टिमार्ग में वर्णाश्रम। - OilymomalamOINMAL पुष्टिमार्गीय वैष्णवों के लिये वर्णाश्रम धर्म परम माननीय है। जो लोग अपने आपको निरा पुष्टिभक्त कह कर वर्णाश्रम धर्म की उपेक्षा करते हैं वे मूल करते हैं । उनके लिये और अन्य वैष्णवों के लिये यह बात परम माननीय होनी चाहिये कि वर्णाश्रम ही हमारे पुष्टिसम्प्रदाय की भूमि है । यद्यपि भक्ति सामान्य धर्म है यह शास्त्र और युक्तिसे सिद्ध है तथापि वैष्णव धर्म जब विशेष धर्म है तब वर्णाश्रम धर्म तो साधारण धर्म है इसे तो सर्वथा मान्य करना ही चाहिये । प्रसिद्ध है कि जमीन के बिना भींत खडी नहीं होती उसी प्रकार वर्णाश्रम धर्म भूमि है और वैष्णव धर्म है इसकी भित्ति । वैष्णव मात्र को इस प्रकार अपना वर्तन रखना चाहिये जिससे वर्गाश्रम धर्म के व्यवहार में बाधा न पहुंचे। __ वर्णाश्रम धर्म की रक्षा करना वैष्णवों का एक अत्यावश्यक कार्य है । हमारे आचार्य चरणोंने निबन्ध में इसके विषय में यों आज्ञा की है
SR No.010555
Book TitleVallabhacharya aur Unke Siddhanta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVajranath Sharma
PublisherVajranath Sharma
Publication Year
Total Pages405
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationInterfaith & Hinduism
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy