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उत्तराध्ययन सूत्र
(२१) ममत्व और अहंकार रहित,अनास्त्रवी और वीतरागी होकर
केवलज्ञान को प्राप्त कर फिर चिरन्तन मुक्ति को प्राप्त करे। टिप्पणी सयम यह तलवार की धार है। संयम का मार्ग देखने में
सरल दीखने पर भी चरने में अति कठिन है। संयमी जीवन सब किसी के लिये सुलभ नहीं है, फिर भी यह एक ही कल्याण का मार्ग है।
ऐसा मैं कहता हूँइस तरह 'अणगार' संबंधी पेंतीसवां अध्ययन समाप्त हुआ।
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