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संयतीय
भाई हैं, यहाँ ही उनने विश्राम लिया है और यहाँ ही उन्हें इष्ट पदार्थ की प्राप्ति हुई है ।
इस प्रकार भगवान महावीर ने कहा था वह मैंने अब तुमसे कहा है - ऐसा श्री सुधर्म स्वामी ने जंबू स्वामी से कहा ।
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'ऐसा मैं कहता हूँ' –
इस तरह संयति मुनि संबंधी अठारहवाँ अध्ययनः समाप्त हुआ ।