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सूत्र-विभाग - ३२ पाँच पदों की वन्दनाएं
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३ स्थानांग (ठाणांग) : जिसमे नव तत्वो की स्थापना है : जिसमे नव तत्वो का निर्णय है
४. समवायांग
: जिसमे नव तत्वो की व्याख्या है। : जिसमे दृष्टात व धर्मकथाएँ है
: जिसमे दश श्रावकों का वर्णन है : जिसमें मोक्ष गये हुए साधुयों का वर्णन है
: जिसमे अनुत्तर विमान मे गये हुए साधु का वर्णन है ।
: जिसमे प्राश्रव सवर का वर्णन है : जिसमे शुभ-अशुभ कर्मफल का वर्णन है ।
: जिसमे देवलोक में कौन कहाँ पैदा होता है ? इसका वर्णन है
: जिसमे राजा प्रदेशी के ग्रात्मवाद सबधी प्रश्न और कैशीमुनि के उत्तर हैं ।
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: जिसमे जीव सबधी विविध वर्णन है । : जिसमे विविध विषयो का वर्णन है । : जिसमे जम्बूद्वीप सबंधी वर्णन है । : जिसमे चन्द्र सबधी वर्णन है
: जिसमे सूर्यं सबधी वर्णन है : जिसमे नरक गये, उनका वर्णन हैं : जिसमे देवलोक गये, उनका वर्णन है।
५. भगवती
६. ज्ञाताधर्म कथा
७. उपासक दशांग ८. अंतकृत (अतगड)
६. प्रनुत्तरोप-पांतिक ( श्रणुत्तरोववाई)
१०. प्रश्नव्याकरण ११. विपाक सूत्र
बारह उपांग
१. श्रपपातिक
( उववाई) २. राजप्रश्नीय
३. जीवाभिगम
४. प्रज्ञापना ५. जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति ६. चन्द्रप्रज्ञप्ति
७. सूर्यप्रज्ञति
८. निरयावलिका
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६. कल्पायतंसिका १०. पुष्पिका
: जिसमे सम्यक्त्व आदि की विराधना करके देवलोक मे देव बने, उनका वर्णन है ।