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पाठ १६-तस्सउत्तरी प्रश्नोत्तरी
पाठ १६ उन्नीसवाँ . तस्साजरी प्रश्नोत्तरी ।
प्र० :.'तस्सउत्तरी' सामायिक सूत्र का कौनसा पाठ है? उ० : चौथा पाठ है। प्र० : यह पाठ कव बोला जाता है ? उ० ; 'इच्छाकारेण' के बाद । प्र. : यह पाठ बोलकर क्या किया जाता है ? उ० : कायोत्सर्ग । प्र० : कायोत्सर्ग में क्या-बोला जाता है ? . उ० : सामायिक लेते समय इच्छाकारेणं और पालते समय
लोगस्स बोला जाता है। प्र० : इस पाठ का दूसरा नाम क्या है ? उ० : उत्तरीकरण का पाठ । प्र० : इसे उत्तरीकरण का पाठ क्यों कहते हैं.?. उ० : इससे श्रात्मा को विशेष उत्कृष्ट बनाने के लिए कायोत्सर्ग
की प्रतिज्ञा की जाती है, इसलिए । प्र० : प्रायश्चित्त किसे कहते हैं ? उ० : १. जिससे पाप कटकर आत्मा शुद्ध बने तथा २. पाप
कटकर आत्मा का शुद्ध बनना। प्र० : विशुद्धि किसे कहते हैं ? उ० : अच्छे परिणामो से (विचारो से) आत्मा का विशेष
शुद्ध बनना।