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पाठ १४-सामायिक के उपकरण एक बात यह भी है-उनमे बिनौले आदि हो सकते हैं, वे जीव सहित होते हैं। उन पर बैठने पर उनके ४. जीवों की हिंसा होती है। साथ ही यदि उनमे कोई कोडी आदि छोटे जीव घुस जायँ, तो उनकी रक्षा के लिए उन्हे वहाँ देखना और
निकालना कठिन हो जाता है। जयन्त : (धोती देखकर) भय्या | तुम तो पेण्ट, चड्डी,
पायजामा आदि पहनने वाले हो, इसलिए इसकी क्या
आवश्यकता है? विजय : सामायिक मे पेण्ट, चड्डो, पायजामा, कुरता, बनियान
आदि धर्म-अयोग्य वेश नही पहने जाते। सामायिक मे धर्म के योग्य वेश धोती, दुपट्टा आदि पहने या श्रोढे जाते हैं। इसलिए धाती के साथ यह दुपट्टा
भी है। जयन्त : सामायिक मे धर्म-अयोग्य वेश क्यो नही पहना जाता?
धर्म-योग्य वेश क्यो पहना जाता है ? विजय : १. धर्म-अयोग्य वेश मे कोई छोटे कीडी आदि जीव
घुम जायँ, तो उनकी रक्षा के लिए उन्हे देखना और निकालना कठिन हो जाता है। २ धर्म-अयोग्य वेश पलटकर धर्म-योग्य वेश पहनने से सासारिक भावनाओ के परिवर्तन मे सहायता मिलती है। जैसे सैनिक वेश पहनने से कायरता की भावना मिटकर वीरता की भावना जगती है। ३. धर्म-अयोग्य सासारिक वेश पलटने मे यह लाभ भी है कि दूसरे लोग समझ जाते हैं कि 'यह धर्म-क्रिया