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पाठ ११---फरेमि भते प्रश्नोत्तरी [ ३५ प्र० : सामायिक में अट्ठारह पाप (सावध योग) न करने का
नियम कब तक पालना पडता है ? उ० : जितने भी महूर्त और उसके उपरात का नियम लिया
जाय, उतने समय तक नियम पालना पड़ता है। जैसे, एक मुहूर्त, दो मूहूर्त या तीन मुहूर्त और उसके उपरात जब तक सामायिक न पारले तब तक नियम पालना
पडता है। प्र० मुहर्त किसे कहते हैं ? उ० : एक दिन-रात के ३०वे भाग को अर्थात् ४८ मिनिट को
मुहर्त कहते हैं। प्र० : करण किसे कहते हैं ? उ० . योगो की क्रिया को। १. करना, २ कराना और
३. करते हुए का अनुमोदन करना, अर्थात् भला जानना
-ये-तीन 'करण' हैं। ___ प्र० · योग किसे कहते है ? उ० . करण के साधन को। १ मन, २. वचन और
३ काया-ये तीन 'योग' हैं । प्र० . क्या सामायिक का नियम जीवन भर तक के लिए और
तीन करण तीन योग से नही किया जा सकता ? उ० . किया जा सकता है। इस प्रकार नियम लेने को दीक्षा " कहा जाता है।
प्र० : दीक्षा मे और सामायिक मे क्या अन्तर है ? । उ० . अट्ठारह पाप इन नव प्रकारों से होता है
१ मन से करना, २ कराना और ३ अनुमोदन करना, ४ वचन से करना, ५ कराना और ६ अनुमोदन करना. ७ काया से करना, ८ कराना और