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समर्पण
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श्री शान्तिमागर जगद्गुरु मारमारी, श्री वीतराग पटवर्जित लिंगधारी । भाचार्य साधुगण पूजित, विश्वकीर्ति, भक्त्या नमामि तपतेज सुदिव्य मूर्ति || सिद्धांत सूत्र अरु पूर्ण श्रुताधिकारी, श्री संयमाधिपति भव्य भवाब्धितारी | मेगं विशुद्ध रचना यह भेंट लीजे, सिद्धांत रक्षण तथा च कृतार्थ कीजे ।!
श्रीमद्विश्ववन्द्य, लोकहितङ्कर, अनेक उद्भटविद्वान तपस्त्री श्रावार्य माधु शिष्य समूह परिवेष्टित, चारित्र चक्रवर्ती पूज्य पाद श्री १०८ आचार्य शिरोमणि श्री शांतिसागर जी महाराज के कर कमलों में यह प्रत्य-रचना पूर्ण भक्ति पौर श्रद्धांजनिक साथ समर्पित है ।
चरणोपासक - मक्खनलाल शास्त्री