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अन्य रचयिता का परिचय श्रीमान न्यायानगर, विणा वारिधि, वादीम केसरी, धमीर परिडत मक्खनलाल जी शास्त्री से सारा जैन समाज भलो भान्ति परिचित है। भापकी विद्वत्ता प्रविष्ठा और प्रभाव समाज में प्रख्यात है माप हमेशा से ही जैन संस्कृति की रक्षा एव उसका प्रचार करने में अप्रसर रहे हैं। आप सायं सच्चे धमात्मा हैं। इस समय भाप द्वितीय प्रतिमाधारी श्रावक है।
पार्ष-मार्गानुक्सानी मापने सर्वदा जैन संस्कृति का प्रचार किया है, यही कारण है कि भापको सुधार वादियों के साथ प्रनंक बडे २ संघर्ष नने पड़े हैं, जो उन सघर्षों में मापने धर्म रक्षा के सिपाय और किसी को कुछ भी. परवा नहीं की। इसलिये भाप सदैव सफल हुये हैं। इसमें कोई सन्देह नहीं कि जैन समाज में जबर भी साम जिक या धार्मिक विचार धारामों में मत भर होने से संघर्ष हुमा है, तभी मापने हमेशा अपना दृष्टिकोण पार्ष-मार्गानुकूल ही रखा और पार्ष विरुद्ध प्रचार का स्ट कर सामना एवं विरोध किया है। भाप श्री भारतवर्षीय दि० जैन महासभा के प्रमुख सदस्यों में एक है, पाप महासभा के प्रमुला पत्र जैन गजट के अनेकों वर्ष सम्पादक रहे हैं। आपके सम्पादन काल में जैन गजट बहुत भन्नति पथ पर था वर्तमान में भी पाप जैन पोषक के सम्पादक है। अन्तर्जातर विवाह, Rawat विवाद स्पस्पशेखोप इन धर्म विरुद्ध बातों का मापने हमेसासेवी विरोध किया है।