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श्री सेठिया जैन ग्रन्थमाला
निवेदन किया । यह उत्तर सुन कर राजा मन में बहुत लज्जित हुआ । उसने उनसे पूछा- तुम्हें यह युक्ति किसने बताई ? लोगों ने रोहक का नाम बताया । रोहक की बुद्धि से राजा बहुत खुश हुआ । रोहक की बुद्धि का यह छठा उदाहरण हुआ ।
हाथी - एक समय राजा ने एक बूढ़ा बीमार हाथी गाँव वालों के पास भेजा और आदेश दिया कि हाथी मर गया है यह खबर मुझे न देना । किन्तु हाथी की दिनचर्या की सूचना प्रतिदिन देते रहना अन्यथा सारे गाँव को भारी दण्ड दिया जायगा ।
गाँव वाले लोग हाथी को धान, घास तथा पानी आदि देकर उसकी खूब सेवा करने लगे किन्तु हाथी की बीमारी बहुत बढ़ चुकी थी । इसलिये वह थोड़े ही दिनों में मर गया। प्रातःकाल गाँव के सब लोग इकट्ठे हुए और विचारने लगे कि राजा को हाथी के मरने की सूचना किस प्रकार दी जाय । पर उन्हें कोई उपाय न सूझा | वे बहुत चिन्तित हुए। आखिर रोहक को बुला कर उन्होंने सारी हकीकत कही । रोहक ने उन्हें तुरन्त एक युक्ति बता दी जिससे सब लोगों की चिन्ता दूर हो गई। उन्होंने राजा के पास जाकर निवेदन किया- राजन् ! आज हाथी न उठता है, न बैठता है, न खाता है, न पीता है, न हिलता है, न इलता है, यहाँ तक की श्वासोच्छ्वास भी नहीं लेता, विशेष क्या, सचेतनता की एक भी चेष्टा आज उसमें दिखाई नहीं देती । राजा ने पूछा- क्या हाथी मर गया है ? गाँव वालों ने कहा- देव ! आप ही ऐसा कह सकते हैं, हम लोग नहीं । गाँव वालों का उत्तर सुन कर राजा निरुत्तर हो गया । राजा के उत्तर बताने वाले का नाम पूछने पर लोगों ने कहा- रोहक ने हमें यह उत्तर बतलाया है। रोहक की बुद्धि का यह सातवाँ उदाहरण हुआ ।
झगड (कुमा) - कुछ दिनों बाद राजा ने उस गाँव के लोगों