________________ 484 rrrrrrrrrrrrrr won श्री सेठिया जैन ग्रन्थमाला - irrrrowwwmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmwww. महागरा आयरिमा महेसी, समाहिजोगेसुअसीलबुद्धिए / संपाविउ कामे अणुत्तराई, आराहए तोसइ धम्मकामी // 16 // सुच्चाण मेहावि सुभासिआई, सुस्मुसए आयरिअप्पमत्तो / आराहइत्ताण गुणे अणेगे, से पावई सिद्धिमणुत्तरं // 17 // आचारांग श्रुतस्कन्ध 1 अ०६ उ०४ '(बोल नम्बर 878) प्रोमोयरियं चाएइ अपुढेऽवि भगवं रोगेहिं / पुढे वा अपुढे वा, नो से साइज्जई तेइच्छं // 1 // संसोहणं च वमणं च गायब्भंगणं च सिणाणं च / संवाहणं च न से कप्पे दन्तपस्वालणं च परिन्नाए // 2 // विरए गामधम्मेहिं रीयइ माहणे अवहुवाई / सिसिमि एगया भगवं छायाए भाइ आसीय // 3 // आयावइ य गिम्हाणं अच्छइ उक्कुडुए अमितावे / अदु जावइत्थ लूहेणं प्रोयणमंथुकुम्मासेणं // 4 // एयाणि तिन्नि पडिसेवे अह मासे अ जावयं भगवं / अवि इत्थ एगया भगवं अदमासं अदुवा मासंपि // 5 // अवि साहिए दुवे मासे छप्पि मासे अदुवा विहरित्या / राओवरायं अपडिन्ने अन्नगिलायमेगया मुंजे // 6 // छ?ण एगया भुजे अदुवा अट्टमेण दसमेणं / दुवालसमेण एगया भुंजे पेहमाणो समाहिं अप्पडिन्ने // 7 // णच्चा णं से महावीरे नोऽवि य पावगं सयमकासी / अन्नेहिं वा ण कारित्या कीरंतपि नाणुजाणित्था // 8 // गामं पविस्स रागरं वा घासमेसे कडं परहाए / मुविमुद्धमसिया भगवं पायतजोगयाए सेवित्था // 6 // अद वायसा दिगिच्छत्ता जे अन्ने रसेसिणो सत्ता /