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श्री मेठिया जैन अन्यमाला • ~~• • • .rr . rrr ... on rrrrrm ~~~ कण्डू से कह दो कि तुम्हारा राज्य छीन कर मैं ब्राह्मण को गॉव दूंगा। साथ ही उसने लड़ाई के लिये तैयारी शुरू कर दी। ___ ब्राह्मण ने जाकर सारी बात करकण्डू से कही। उसने भी युद्ध की तैयारी की और चम्पा पर चढ़ाई कर दी।
बाप और बेटा दोनों एक दूसरे के शत्रु घन कर रणक्षेत्र में मा • डटे। दूसरे दिन सुबह ही युद्ध शुरू होने वाला था।
पद्मावती को इस बात का पता चला। एक मामूली सी बात . पर पिता पुत्र के युद्ध और उसके द्वारा होने वाले नरसंहार की कल्पना से उसे बहुत दुःख हुभा।
वह फरफण्डू के पास गई। सिपाहियों ने जाकर उसे खबर दी-महाराज! कोई साध्वी आपसे मिलना चाहती है। करकण्डू ने कहा-उसे पाने दो।
पद्मावती ने माते ही कहा-बेटा!
करकण्डू आश्चर्य में पड़ गया। उसे क्या मालूम था कि यही साध्वी उस की मां है।
पद्मावती ने फिर कहा-करकण्डू ! मैं तुम्हारी मां हूँ। दषिवाहन राजा तुम्हारा पिता है। ऐसा कह कर पद्मावती ने उसे शुरू से लेकर सारा हाल सुनाया। उसे मातामान कर करकण्डू ने भक्तिपूर्वक नमस्कार किया। युद्ध का विचार छोड़ कर वह पिता से मिलने चला। __ पद्मावती शीघ्रता पूर्वक चम्पापुरी में गई। एक साध्वी को पाते देख कर नगरी का दरवाजा खुला । पद्मावती सीधी दधिवाइन के पास पहुंची और सारा हाल कहा।
'करकण्डू मेरा पुत्र है' यह जानकर दधिवाहन को बहुत हर्ष हुआ । उसी समय उन्हीं वस्त्रों से वह करकण्डू से मिलने चला। करकण्डू भी पिता से मिलने के लिए मारहाथा। मार्ग में ही दोनों मिल गए | करफण्डू दधिवाहन के पैरों में गिर पड़ा और अपने