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इस तप की एक परिपाटी में तपस्या के दिन २८६ और पारणे के दिन ५६ होते हैं यानि ११ मास १५ दिन होते हैं। चारों परिपाटियों को पूर्ण करने में तीन वर्ष १० महीने होते हैं। पारणे की विधि रत्नावली तप के समान है।
मुक्ता व ली तो
श्री सेठिया जैन ग्रन्थमाला
नोट-पारने सहित मुक्तावली तप के दिन गिनने पर ११ मास १३ दिन होते हैं, किन्तु मूल पाठ में ११ मास १५ दिन लिखा है। टीकाकार ने भी इस बात को दर्शाया है।