________________ [2] अर्द्धमागधी धातु रूपावलि- अर्द्धमागधी भाषा की प्रायः सब प्रकार की धातुओं के रूपों का संग्रह है / मूल्य / ) मईमागधी शब्द रूपावलि- अर्धमागधी भाषा के विविध शब्दों के रूप संग्रहीत हैं / मूल्य -) स्यादवाद मञ्जरी-जैन न्याय का यह महत्वपूर्ण ग्रन्थ है। श्री हेमचन्द्राचार्यकृत अन्ययोगव्यवच्छेदकद्वात्रिंशिका की सुन्दर, सुललित एवं विस्तृत टीका है / जैन न्याय के शिक्षार्थियों एवं जिज्ञासुओं के लिए यह पुस्तक अत्यन्त महत्व की है / यह पुस्तक कलकत्ता-संस्कृत एसोसिएशन की न्याय मध्यमा परीक्षा में स्वीकृत है / पुस्तक संग्रहणीय और मनन करने योग्य है / मूल्य 1) कर्तव्यकौमुदी (दूसरा भाग)- लेखक- भारत भूषण शतावधानी पंडित मुनिश्री रत्नचन्द्रजी महाराज / सुन्दर सुललित श्लोकों में रचित एवं सरल सुबोध हिन्दी भाषान्तर सहित अनेक विषयों का सम्यक् नान कराने वाली पुस्तक / धार्मिक, नैतिक, आध्यात्मिक और व्यावहारिक सभी विषयों की शिक्षा मौजूद है / सभी के पढ़ने योग्य है। इस पुस्तक का मूल्य केवल / -) आर्ट पेपर पक्की जिल्द // ) सूक्ति संग्रह-चुने हुए सुन्दर सुन्दर श्लोकों का संग्रह / कठिन शब्दों के कोष और सरल अनुवाद सहित / सभा-चतुरता और समयोपयोगी वाणी- विलास के लिये इसे सदा साथ रखना चाहिए / मूल्य / ) उपदेशशतक-उपदेश विषयक 100 अनुपम श्लोकों का संग्रह / साथ में सरल हिन्दी अर्थ भी दिया है / मूल्य =) // नीतिदीपकशतक-भारतभूषण शतावधानी पंडित मुनिश्री रत्नचन्द्रजी महाराज द्वारा रचित 160 नीतिश्लोक सरल हिन्दी टीका सहित / मूल्य=) नन्दीसूत्र (मूल).. पत्राकार, मजबूत, मोटे कागज पर शुद्ध छपा हुआ है / मूल्य )