________________ - सेठिया-जैन-ग्रन्थमाला सूचीपत्र श्री जैन सिद्धान्त बोल संग्रह प्रथम भाग, पृष्ठ 520 / इसमें एक बोल से पाचवें बोलों तक का संग्रह है। कुल बोलों की संख्या 423 है / जैन धर्म के मुख्य विषय पांच ज्ञान, दर्शन, चारित्र, विवेक, ध्यान,गति,कषाय आदि विषय विस्तृत व्याख्या के साथ दिये गये हैं / प्रत्येक बोल के साथ जैनशास्त्रों के स्थलों का भी संपूर्ण रूप से उल्लेख किया गया है अतः तत्त्वरुचि रखने वाले जिज्ञासुओं और विद्यार्थियों के लिए यह पुस्तक बहुत ही उपयोगी है / प्रत्येक पाठशाला, पुस्तकालय,धर्मस्थानक आदि में इस पुस्तक का रहना बहुत ही आवश्यक है। ___पुस्तक की संग्रहशैली,साईज, कागज और जिल्द आदि इस दूसरे भाग के समान है। ___ कीमत सिर्फ 1) रु० जो लागत से भी बहुत कम है, रखी गई है / पुस्तक का वजन 14 छटांक है / पोस्टेज या रेल्वे पार्सल के लिए तदनुसार खर्च लगेगा। जैनसिद्धान्तकौमुदी- अर्द्धमागधी भाषा का व्याकरण मन्थ है / सूत्र तथा वृत्ति सरल संस्कृत में हैं / लेखक हैं भारतभूषण शतावधानी पंडित मुनिश्री रत्नचन्द्रजी महाराज। इसके द्वारा अर्द्धमागधी भाषा का ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं / पक्की जिल्द मूल्य 1 // )