________________ [3] सुखविपाक सूत्र(मूल)- पत्राकार, मजबूत,मोटे कागज पर शुद्ध छपा हुआ है / मूल्य =) उत्तराध्ययन सूत्र (मूल पाठ)-- पार्ट पेपर पर छोटे अक्षरों में ब्लाक बनवाकर छपाया गया हैं / दर्शनीय है / मूल्य 1) दशवकालिक सूत्र (मूल)-आर्ट पेपर पर बहुत छोटे अक्षरों में ब्लाक बनवाकर छपाया गया है / दर्शनीय है / मूल्य a) सुखविपाक सूत्र(सार्थ)- सुखविपाक सूत्र में जिन जिन सूत्रों का उल्लेख पाया है उनका पाठ लिखकर पूरा किया गया है / पूरा वर्णन जानने के लिए और किसी सूत्र की आवश्यकता नहीं होती। प्रत्येक गृहस्थ को इस मङ्गलकारी सूत्र को घर में रखना चाहिए / मूल्य // ) महावीर स्तुति- सूयगडांग सूत्र का छठा अध्ययन / संस्कृत छाया, अन्वयार्थ तथा भावार्थ सहित भगवान महावीर स्वामी की स्तुति / मूo-) नमिपब्वजा- उत्तराध्ययन सूत्र का नवाँ अध्ययन / संस्कृत छाया, अन्वयार्थ तथा भावार्थ सहित / राजर्षि नमिराज और इन्द्र का प्राध्यात्मिक सम्बाद / मूल्य ) मोक्षमार्गगति--- उत्तराध्ययन सूत्र का 28 वा अध्ययन / संस्कृत छाया, अन्वयार्थ तथा भावार्थ सहित / जैन तत्त्वों के जिज्ञासुओं के लिये अनुपम पुस्तक / मूल्य -)m सम्यक्त्व-पराक्रम- उत्तराध्ययन सूत्र का उनतीसवाँ अध्ययन / संस्कृत छाया, भावार्थ सहित / इसमें संवेग निर्वेद श्रादि 73 बोलों का फल बताया गया है / पठन एवं मनन करने योग्य है / मूल्य 3) मांगलिक स्तवनसंग्रह (पहला भाग)- इसमें नवकार मन्त्र,गजसुकमाल, शालिभद्र, जम्बूकुमार, धनाजी, रहनेमि-राजमती, विजयसेठ-विजय सेठाणी, बुढ़ापा आदि उपदेशिक वैराग्यप्रद पचास से अधिक स्तवन सज्झायों का सुन्दर संग्रह है / मूल्य //