________________ श्री सेठिया जैन ग्रन्थमाला (3) मौन चरक / (4) संसृष्ट कल्पिक। (5) तज्जात संसृष्ट कल्पिक / (1) अज्ञात चरकः-आगे पीछे के परिचय रहित अज्ञात घरों में आहार की गवेपणा करने वाला अथवा अज्ञात रह कर गृहस्य को स्वजाति आदि न बतला कर आहार पानी की गवेषणा करने वाला साधु अज्ञात चरक कहलाता है / (2) अन्न इलाय चरक (अन्न ग्लानक चरक, अन्न ग्लायक चरक, अन्य ग्लायक चरक ):-- ___ अभिग्रह विशेष से सुबह ही आहार करने वाला साधु अन्न ग्लानक चरक कहलाता है। अन्न के विना भूख आदि से जो ग्लान हो उसी अवस्था में आहार की गवेषणा करने वाला साधु अन्न ग्लायक चरक कहलाता है। दूसरे ग्लान साधु के लिये आहार की गवेषणा करने वाला मुनि अन्य ग्लायक चरक कहलाता है। (3) मौन चरकः-मौनव्रत पूर्वक आहार की गवेपणा करने ___ वाला साधु मौन चरक कहलाता है। (4) संसृष्ट कल्पिक:-संसृष्ट अर्थात् खरड़े हुए हाथ या भाजन आदि से दिया जाने वाला आहार ही जिसे कल्पता है वह संसृष्ट कल्पिक है। (5) तजात संसृष्ट कल्पिक:-दिये जाने वाले द्रव्य से ही खरड़े हुए हाथ या भाजन आदि से दिया जाने वाला आहार