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वी, कलागच्छके नामसें चली आई है, सो लि
खते हैं.
१ श्री पार्श्वनाथस्वामी
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२ श्री शुभदत्तगणधर ३ श्री हरिदत्तजी " ४ श्री आर्य समुद्र ५ श्री स्वयंप्रभसूरि ६ श्री केशीस्वामी प्रदेशी नृप प्रतिबोधक ७ श्री रत्नप्रभसूरिउपकेश | २२ वंशस्थापक वीरात् ७०
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वर्षे
८ श्री यक्षदेवसूरि 3 श्री कक्कसूरि
१६ श्री सिद्धसूरि : १७ श्री रत्नप्रभसूरि १८ श्री यक्षदेवसूरिवीरात् ५८५, बारांवर्षी काल.
१० श्री देवगुप्तसूरि : -११ श्री सिद्धसूरि : १२ श्री रत्नप्रभसूरि १३ श्री यक्षदेवसूरि १४ श्री कंकसूरि १५ श्री देवगुप्तसूरि
१९ श्री कक्कसूरि २० श्री देवगुप्तसूरि २१ श्री सिद्धसूरि श्री रत्नप्रभसूरि २३ श्री यक्षदेवसूरि २४ श्री ककसूरि २५ श्री देवगुप्तसूरि २६ श्री सिद्ध सूरि २७ श्री रत्नप्रभसूरि २८ श्री यक्षदेवसूरि
२९ श्री ककसूरि
३० श्री देवगुप्तसूरि
३१ श्री सिद्धसूरि ३२ श्री रत्नप्रभसूरि