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( २० ) पूर्वपक्षी-अजी सूत्रकी गाथा जोलिखी है।
उत्तर-लो गाथा में लिखाहै सो गाथा और गाथा का अर्थ लिख दिखाती हुं तो आप को प्रगट हो जाएगा।
जत्थय २ जं२ जाणिज्जो निक्खेवं निवखवे निरविसेसं जत्थवियन जाणिज्जा चउक्कय २ निक्खवे तत्थ ॥ १ ॥ अस्यार्थः ॥
जिस २ पदार्थक विषय में जा २ निक्षेरे जाने सो २ निर्विशष निक्षेपे जिस विषय में ज्यादा न जाने तिस विषयमें चार निक्षेपे करे अर्थात् वस्तुके स्वरूपके समझनेको चारनिक्षेपतो करे नाम करके समझो स्थापना (नकसा) नकल करके समझो और ऐसेही पूर्वोक्त द्रव्य भाव निक्षेपकरके समझो परन्तु इस गाथामें ऐसा कहां लिखा है कि चारों निक्षेपे वस्तुत्व में ही