________________
( 20 )
अथवा आनन्दादि श्रावकों ने परन्तु किसी श्रावक श्राविकाने मूर्ति पूजी होती तो उपमा देने ना पूजी हो तो कहां से दें हां जैसे देवते पूर्वोक्त जीत व्यवहार से मूर्ति पूजते हैं ऐसे ही द्रौपदीने संसार खाते में पूजी होगी २ ।
पूर्वपक्षी - तीर्थंकर देवकी मूर्ति क्या संसार खाते में पूजते हैं ।
उत्तरपक्षी - द्रौपदीने क्या तीर्थंकर की मूर्ति पूजी है यदि पूजी है तो पाठ दिखाओ कौन से तीर्थंकर की मूर्ति पूजी है यथा ऋषभ देवजी की शांननाथजी की पार्श्व नाथजी की महावीरजी की अर्थात् संतनाथ जी का मंदिर था कि पार्श्व नाथ जीका मंदिर था कि महावीर स्वामी जी का मंदिर इत्यादि । ३