________________
१] किस क्षेत्र विकास 1. में हवन बिगानाको जीत लिया था। गजपतिने कृष्णदेवसे सन्धि की गौर अपनी राजकुमारी भी उसको ब्याह दी थी। गोविंद माला लिंगानाका शासक नियुक्त किया गया था। इसके पश्चात सन् १५२०६० में कृष्णदेवने एक लाख सेना लेकर गादिब्यात पर नाक्रमण किया और उनके रायचू', मुद्र, मोदनी मादि दुर्गाको छीन लिया। परास्त हुये मुसलमानोंने कृष्णदेवरायके बीवनकालमें विधवनगर पर माक्रमण कनेका साहस नहीं किया। रायचूरके युद्ध में मुसम्मान सेनापति सलाबतखां पकड़ा गया था और बहुतसी सामिग्री हिन्दुओं के हाथ लगी थी। तीसरी युद्धयात्रामें कृष्णदेवने गमेश्वरम् तक सदूर दक्षिण प्रदेशको जीत लिया था। रामेश्वरम्में उसने विवयोत्सव मनाया था। उसने सन् १५३० ई. तक सफर शासन किया गा। पुतंगारके गवर्नर बलबुर्कसे व्यापारिक सन्धि करके उनको पश्चिमी किनारे पर किला बनानेकी भाज्ञा दी थी। इससे विजय नगरका व्यापार बहुतढ़ गया वो।
कृष्णदेवराय और जैनधर्म । . ष्णदेवरायने भी संगमवंशके नरेशोंके पदचिन्हों पर चलकर प्रत्येक धर्म और पायका बादर किया था। उनके विशाक हदसमें मजाके प्रत्येक वर्गके लिये य न बानोको उनोंने अपने विषद साम्राज्यके दोनों मुदायीं छोरोघर दान दिया था। चिंगळपेट विपके कांजीवरम तालुके वित्तिारु नामक स्थानमें त्रिकोषक क्य-सिको मोने सन् १५१६ गौर १५१९. में दो .: - ... .-..