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कि विजयनगर के संगम राज्यमें तिनके भाई गुणको दक्षिण भागका शासनमार मौंम गया तमीसे पन्द्रगिरिमें मान थे। नरसिंह एक प्रतापी नरेश था। उसने मोदीसाके रामा पुरुष उम मोर मुपामानों के नामों को विका किया था। किन्तु यह सही प्रान्तीय नायकों को अपने पापीन नहीं रख सका था। उसने राजाविगज कामेश्वर' की उपाधि धारण की थी।
इमादी नरसिंह। सन् १४९३०में उसका भका सम्पादि नासिंह शासनाविकारी हुआ था और स्न् १५.२ ई. तक यह शासन करता
हा था । सलु नासिंहने सेनापति नरेश नायकको उसका संरक्षक नियुक्त किया था, इसलिये शासन में उसकी ही मानताबी। नरेशने कापरीके सदा दक्षिण प्रतिको जीवहां विश्वस्तम बनवाया मुसलमानों को भी उसने पास्त किया ।'
लब नरेश पीर नासिंह। मरेश लवं नल था । उसने गवातिसमोर -- मान मुस्तानको पास किया था। उसने सन् १५०५.. विजयनगा में सामन किया था। उसके बाद तुपा Tm शासक बीर नरसिंह सन् १५०६ में शासनाधिकारी हुमा । उसको
की श्रीमान् महाराजाधिगज-मेश भुजबम्पा जाति महारा माकी महानताकी सूकमा सिम्म उस योग्य मंत्री था। मालिके माई रुष्णदेवरायने मुसम्मानोंके भाक्रमोंसे शिकामगरको
की बीमोर से HिASI परिसि१-१०, . १-४ -2. 44-4.
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