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विजयनगर के मालुम
गज
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विजयनगरके सालुव एवं अन्य राजवंश
और उनके शासनकालमै जनधर्म ।
संगम व सालुव राजनरेश । विजयनगर संगम-वंशके राजामौके पथ त सालु शके रामाबौने शासन किया था। संगमवंशकी ओरस वंश बालों को दक्षिणका शासन-प्रबन्ध सौंग गया था। प्रारम्भसे ही संगमवंशका इन नामोसे घनिष्ट सम्म का। यहांतक कि प्राट् देवराय द्विाने अपनी बहन हिरियादेवीका विवाह सालुा-नरेश तिरसे किया था और टेक नामक पदेश उन्हें प्रदान किया था। संगमवंशके मन्तिम दो रानामोंके समयमें मालुसनरेश नासिंह विजयनगर गज्यके दक्षिण मागमें प्रान्तपति थे । १४ चन्द्रगिरिसे अपना शासन करत थे । मल्लि
जुन मोर विरुपाकी शक्ति क्षीण हुई जानकर प्रान्सपतियों में सर्व अवम नरसिंह मालुग्ने गन्य प्रबन्ध अपने हाथमें ले लिया था। इस पकार सालुवंशका राज्य सन् १९८६ से बारम्म हुमा।'
सालुवनरेश जैनधर्म । सालुबनरेश मुमतः संगीतपुरके शासनाधिकारी थे और अन.. पर्मको उक्त बनाने के लिये वे हमेशा कटिद्ध रहे। उन गायोंकि ही कुटुंबी देवराव बहनोई तिमालाये। मालम ऐगहोंगरे . १-०, . ५९-६. ०, मा. २११५९. २- र.मा. सं १'पृ. १५९.
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