________________
श्री राम लक्ष्मण और रावण। [४९ पहुंचकर मीताजीसे मिले मोर गवण एवं उसके परिजनोंको सम. झाया; पान्तु रावणने एक न मानी। हनुमानजी लौटकर रामके पास माये और सब ममाचार कह सुनाये । इमपर राम और लक्ष्मणने रावणपर माक्रमण किया और भयानक युद्ध के उपरान्त लक्ष्मणके हायसे रावणका बध हुआ । मीना गमको मिली। लंकाका राज्य विभीषणको दिया गया। गम, नमण और सीता वनवासका काल व्यतीत करके अयोध्या
लौट भाये । गम गजा हुये और सानंद राम और लव-कुश । राज्य करने लगे। भग्न मुनि होगये।
___गमने सीताको घरमें वापस रख लिया, इम बातको लेकर प्रजाजन वन होने लगे। इस पर रामने सीताको वनवासका दंड दिया । मीना गर्भवती थी, वनमें असहाय खड़ी थी कि पुण्डरीकपुरके वनजंघ गजाने उमकी सहायता की । वह माताको अपने नगर लिया गया और धर्मभगिनीकी तरह उसे रक्खा। वहां सीताक लव और कुश नामक दो प्रतापी पुत्र हुये। युवावस्था प्राप्त करके यह दिग्विजय करने के लिये निकले ।
पोदनपुर मजाके साथ इनकी मित्रता होगई और ये उसके साथ भनेक देश देशांतरोंको विजय करने में सफल हुए । मांध्र, केग्ल, कलिंग मादि दक्षिण भारत के देशोंको भी इन्होंने जीता था, परन्तु अयोध्या तक वह नहीं पहुंचे थे। नारदने गम सक्ष्मणका वृतांत दोनों माइयोंसे कहा, जिसे सुनकर वे क्रोधित हो उनपर सेना लेकर चढ़ गये । पिता-पुत्रोंका युद्ध हुमा, किन्तु क्षुल्लक सिद्धार्थने उनमें