SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 64
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ४४) संक्षिा मेन इतिहास। स्थानोपर उसने जिन मूर्तियां स्थापित कराई थी x इस प्रकार गवणने अपना प्रताप चहुंओर छिटका रखा था । खरदूषणने उसको अपनी महायता के लिये बुलाया। और वह माया भी। मार्ग आने हुये गवणने मीताको देम्वा । वह उसके रूप-मौन्दर्यपर मुग्ध होगया । धोखा देकर वह मीताको हरकर लंका लेगया । राम और लक्ष्मण जब युद्धमे लौटे तो उन्होंने मीताको नहीं पाया । वे उनके वियोग माकुल-व्याकुल होगये और उनकी तलाशमें बन. बन मटकने लगे। बाली द्वीपमें बानग्वंशी विद्याधर गजा रहते थे। उनके वंशज ___ वहांसे राज्यच्युत होकर दक्षिण भारतमें मा राम-रावण युद्ध । रहे । मिष्किन्धापुर उनकी राजधानी थी। तब वहां मुग्रीव नामका राजा गज्य करता या । रामचंद्रने उसकी सहायता करके उमे अपना मित्र बनाया । सग्रीवने मीताका पता लगाने के लिये शाथ ही और वह उस कार्यमें सफल हुआ। राम और लक्ष्मणको पता चल गया कि सीता गव. के यहां लंका है । लक्ष्मणन दक्षिण भारतकी कोटिशिलाको घुटनोंतक उठाकर अपने मतुल बलका परिचय विद्याधा रानामों को दिया, जिससे वे रामका साथ देकर रावणसे लड़ने के लिये तत्पर होगये। भब हनुमानजीको सीताके ममाचार लेने के लिये मेजा गया। वह दक्षिण भारत महेन्द्र पर्वतमामे होकर लंका गये थे। वहां xकर. ५-५-१ - -
SR No.010475
Book TitleSankshipta Jain Itihas Part 03 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages179
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy