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मलित जैन इतिहास । यहा यह प्रश्न निर्थक है कि क्या भगवान अरिष्टनेमि एक
निहासिक महापुरुष थे! पूर्वोल्लिखित सम्राट म. अरिष्टनेमि शदनाक दानपत्र में उनका उल्लेख ऐतिहासिक हुमा है और उसमें उनका अस्मिन्व एक पुरुष थे। मति प्राचीनकाल से सिद्ध है। उम दान.
पत्रके भनिग्निग्निार पर्वतरा बनेक प्राचीन स्थान और तम्ब हैं, जो भ० भरिटनमनिहामिहताको प्रमाणित करते है।
गिरिनाक बाबा प्याकं मटन ने, शिन्लाने म्ब में .. केवलज्ञान सम्मानानाम" वाक्य पढ़ गया है। जिसमे कि म्यान किसी कंवलज्ञानी पनि कर ... विटन ही है कि श्री अरिष्टनेमिन ट २६२. मान प्राप्त किया था । 'युगका मानन : . : ... मिक मस्तित्वको सिद्ध करनी है । इपक भनिन 'न्य स्वन माहि. त्वको साक्षी भी इस विषयक समय में उले है।
नोंके प्राचीन साहित्य तो भगवान मष्टिनेमिका वर्णन है री; पन्त महत्वकी बात यह है कि हमें वैदिक साहित्यमे भी भगबाम गरिनेमिका उल्लेख हुमा मिलता है। जुर्वेद म० ०. मंत्र
१-ईऐ., मा. २० पृ० ३६...... २-:पृष्ट ८६-८८ वस्तुर१३....।