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संक्षिप्त जैन इतिहास।
संक्षिप्त संवदवार विवरण:सन् ईसवी पूर्व २२५ कलिंगमे चढिवंश और दक्षिणमें सातवाहन राज्यका उदय। २०७ खारवेलका जन्म १९२ खारवेलको युवराजपद प्राप्त हुआ; २८८ पुष्यमित्रका राज्यारोहण; १८३ खारवेलको राज्य-प्राप्तिः ९८२ शातकर्णि प्रथम राज्य करने और खारवेलका आक्रमण; १७९ खारवेलका राष्ट्रिक व भोजक क्षत्रियोंपर विजय पाना; २७८ तनसुलिय-बाट नहरका राजधानीमे लाना; १७७ खारवेलने सम्राट्पद ग्रहण कियाः महाराजाभिषेक व राजसूय
यज्ञ हुआ; २७६ संभवत. खारवेलको राजकुमारकी प्राप्ति १७५ गोरथगिरिकी लड़ाई,दमविय (डिमिट्रियस)का मथुरा छोड़जाना। १७३ खारवेलका उतरापथपर आक्रमण; १७२ खारवेल द्वारा कलिंगमें जैन पूजाका सुधार; १७१ पुप्यमित्रकी पराजय; १७० खारवेलका कुमारी पर्वतपर व्रत उपचाम करना और मंदिरादि वन
वाना;जैन संघ एकत्र होना और जैन वांगमयका उद्धार कराना।
(संभवतः शिलालेख भी इसी वर्षमें उत्कीर्ण कराया गया था।) १६९-१५२ संभवतः खारवेलका देहावसान हुआ। १५२ युप्यमित्रकी मृत्यु !