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________________ (१२) (७७) नंदिषणका अधिकार । (७८) सनतकुमार चक्रवर्तिका रूप देखने को देवते आये। (७९) छटे महीने लोच करनी। (८०) भरतजीके दश लाख मण लूण नित्य लगे। (८१)बाहुबलिकोब्राह्मीसुंदरीने कहा“वीरामोरा गजयकी उतरो" (८२) बाहुबलि १ वर्ष काउसग्ग रहा। (८३) सगर चक्रवर्त्तिके साठ हजार बेटे। (८४) भगीरथ गंगा लाया। (८५) बारां चक्रवर्तिकी स्थिति। (८६) बारांचक्रवर्तिकी अवगाहना। . (८७) नव वासुदेव बलदेवोंकी स्थिति। (८८) नव वासुदेव बलदेवोंकी अवगाहना। (८९) नव प्रतिवासुदेवोंकी स्थिति। (९०) नव प्रतिवासुदेवोंकी अवगाहना। (९१) नव नारद के नाम: (१२) चौवीस तीर्थकरके अंतरे (९३) एकादश.रुद्र (९४) स्कंदक मुनिकी खाल उतारी (९५) स्कंदक मुनिके ४९९ चेले पाणी में पीडे (64) अरणिक मुनिका अधिकार (९७) आषाढभूति मुनिका अधिकार (९८) आषाढभूति नटणी वाले का अधिकार (९९) सुदर्शनशेठ अभया राणीका अधिकार (१००) आठदिन के पर्यषणा करने
SR No.010466
Book TitleSamyaktva Shalyoddhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1903
Total Pages271
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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