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(५३) भृगुपुरोहितने अपने बेटोंको बहकाया। (५४) रामायणका अधिकार। (५५) श्रीगौतमस्वामी देव शर्मा को प्रति बोधने वास्ते गये। (५६) पैंतीस वाणी न्यारी न्यारी। (५७) अरिहंतके यारां गुण। (५८) आचार्य के छत्तीस गुण । (५९) उपाध्याय के पच्चीस गुण । (६०) सामायिकके ३२ दोष। (६१) काउसग्गके १९ दोष । (६२) श्रावकके २१ गुण।" . (६३) लोक १४ रज्जु प्रमाण। (६४) पहली नरक.१ रज्जु की। (६५) दूसरी नरकसे एक एक रज्जुको वृद्धि (६६) सम्यक्त्वके ६७चोल। (६७) पाखी पडिकमणेमें बारह लोगस्स का काउसग्ग करना। (६८) चौमासी पडिकमणेमें बीस लोंगस्सको काउसंग्ग करना। (६९) संवच्छरीको ४० लोगस्सका काउसग्ग करना। (७०) संवच्छरीको पैंठका तेला। (७१) पातरे लाल काले धौले रंगने । (७२) रोज पडिकमणेमें चार लोगस्सका काउसग करना। (७३) मरुदेवी माता हाथीके हौद में मोक्ष गई। (७४) ब्राह्मी सुंदरी कुमारीरही। (७५) भरत बाहुबलका युद्ध । (७६) दश चक्रवर्ति मोक्ष गये।