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________________ (८७) पांच पदकी तथा आठ पदकी खमावणा कहते हो सो किस शास्त्रानुसार ? (८८) शास्त्रोंमें साधुओंके समूहको कुल गण संघ कहे हैं और तुम टोला कहते हो सो किस शास्त्रानुसार ? (८९) मुहपत्तीमें डोरा डालना और मुहके साथ बांधना सो किस शास्त्रानुसार ? (९०) ओघेकी डण्डी मर्यादा विनाकी लंबी रखनी सो किस० (९१) बड़े वारां व्रत बैठक बोलने सो किस शास्त्रानुसार ? (९२) छोटे पारां व्रत खड़े होके बोलने सो किस शास्त्रानुसार ? (१३) जब नमुत्थुणं कहना तंब पहिले थइ थुइ तथा नमस्कार नमुत्थुणं कहना सो किस शास्त्रानुसार ? (९४)नदी उतरके बेले तेलेका दंड लेना सो किस शास्त्रानुसार ? (९५) रस्तेमें नदी आती होवे तो दो चार कोसके फेरमें जाना। परंतु नदी नहीं उतरनी सो किस शास्त्रानुसार ? - (९६) जंगल जाना तब खंडीये ( कपड़ के टुकडे ) से गुदा पोछनी सो किस शास्त्रानुसार ? (९७) सामायिकमें सोहागण स्त्री पंचरंगी मुस्पत्ती बांधे, और विधवा एक रंगी वांधे, सो किस शास्त्रानुसार ? (९८) दीवालीके दिनोंमें उत्तराध्ययन सुनाना सो किस? (९९) भगवान महावीर स्वामीने दीवालीके दिन उत्तराध्ययन कहा कहते हो सो किस शास्त्रानुसार ?.. (१.२) ओघेके ऊपर डोरेके तीन बंधन देने सो किसा? (१.१)ओघेकी दशियोंमें जंजीरी पावना सो किसा? (१.२)रजोहरण मोंढे(कंधे)पर डालके विहार करना सो कित.?
SR No.010466
Book TitleSamyaktva Shalyoddhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1903
Total Pages271
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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