SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 33
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( २ ) (५२) जब कोई दीक्षा लेने वाला होवे तब उसके नाम से पुस्तक तथा वस्त्र पात्र लेते हो, सो किस शास्त्रानुसार ? (५३) जब आहार करतेहो तब पात्रोंके नीचे कपड़ा बिछाते हो, जिसका नाम मांडला कहते हो, सो किस शास्त्रानुसार? (५४) सामायिक जिस विधि से करते हो,सो किस? (५५) सामायिक पारने का विधि किस शास्त्रानुसार ? (५६) पोसह करने का विधि किस शास्त्रानुसार ? (१७) पोसह पारने का विधि किस शास्त्रानुसार ? (५८) दीक्षा देने का विधि किस शास्त्रानुसार ? (५९) संथारा करने का विधि किस शास्त्रानुसार ? (६०) श्रावक को व्रत देने का विधि किस शास्त्रानुसार ? (६१) देवसी पडिकमणेका विधि किस शास्त्रानुसार ? (६२) राइ पडिकमणेका विधि किस शास्त्रानुसार ? (६३) पक्खी पडिकमणेका विधि किस शास्त्रानुसार ? (६४) चौमासी पड़िकमणेका विधि किस शास्त्रानुसार? (६५) संवच्छरी पड़िकमणे का विधि किस शास्त्रानुसार ? (६६) चौमासे पहिले एक महीना आगे आना कहते हो, सो किस शास्त्रानुसार ? __(६७) सांझको पंचमी लग्यां संवच्छरी करनी, सो किस०१ (६८) पूज्य पदवी देने का विधि किस शास्त्रानुसार ? (६९) अनन्त चौबीसी पड़िकमणे में पढनी किस ? (७०) ढालां तथा चौपइयां बांचनीयां और थेइया २ मानना, सो किस शास्त्रानुसार ? - (७१) श्रावण दो होवें तो दजे श्रावणमें पYषण करने किस०?
SR No.010466
Book TitleSamyaktva Shalyoddhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1903
Total Pages271
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy