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________________ स्थाद्वादम. ॥१८७॥ सपूर्ण दोषोंका ग्रहण इसी विरोधशब्दसे होसकता है। ऐसा अर्थ माननेपर 'विरोवसे भयभीत होकर' ऐसे गन्दका अर्थ | रा.जै.शा. ऐसा ही करना चाहिये कि 'विरोध वैयधिकरण्य अनवस्था आदिक जो दोप संभव होसकते है उनसे भयभीत होकर' । इस प्रकार ॐ सामान्य दोषवाची विरोध शब्दसे ही संपूर्ण दोषोंका ग्रहण होसकता है । इस प्रकार इस काव्यका अर्थ पूर्ण हुआ। ___ अथाऽनेकान्तवादस्य सर्वद्रव्यपर्यायव्यापित्वेऽपि मूलभेदापेक्षया चातुर्विध्याभिधानद्वारेण भगवतस्तत्त्वाऽमृतरसास्वादसौहित्यमुपवर्णयन्नाह। यद्यपि अनेकान्तवाद संपूर्ण द्रव्य पर्यायोंमें व्यापता है परंतु मुख्य भेदोंकी अपेक्षा उसको चार प्रकारसे दिखाते हुए तथा भगवान्ने तत्वरूपी अमृतरसका आखादन कराकर हमारा अत्यंत हित किया इस वातका वर्णन करते हुए अब बोलते है। स्यान्नाशि नित्यं सदृशं विरूपं वाच्यं न वाच्यं सदसत्तदेव ॥ विपश्चितां नाथ निपीततत्त्वसुधोद्गतोद्गारपरम्परेयम् ॥ २५॥ मलार्थ-हे विद्वानोके शिरोमणि प्रभो! आपने जो अनेकान्त तत्वरूपी अमृतको पीया उसीसे यह उद्गार उत्पन्न हुआ है कि एक ही वस्तु कथंचित् नश्वर है कथंचित् नित्य है, कथंचित् समान है, कथंचित् असमान है, कथंचित् वक्तव्य है कथंचित् ॐ अवक्तव्य है, कथंचित् सत्रूप है और कथंचित् असत्रूप है। व्याख्या-स्यादित्यव्ययमनेकान्तद्योतकमष्टास्वपि पदेषु योज्यम् । तदेवाधिकृतमेवैकं वस्तु स्यात्कथंचिन्नाशि विनशनशीलमनित्यमित्यर्थः । स्यान्नित्यमविनाशधर्मीत्यर्थः । एतावता नित्यानित्यलक्षणमेकं विधानम् । तथा स्यात्सदृशमनुवृत्तिहेतुसामान्यरूपम् । स्याद्विरूपं विविधरूपं विसदृशपरिणामात्मकं व्यावृत्तिहेतुविशेषरूपमित्यर्थः। ५ अनेन सामान्यविशेषरूपो द्वितीयः प्रकारः। व्याख्यार्थ-अनेकान्त अर्थका प्रकाशक जो 'स्यात्' अव्यय पद है उसको आठो ही वचनोंके साथ लगाना चाहिये । जैसे ॥१८७॥ १ (१) स्यात् नाशि, (२) स्यात् नित्यम् , (३) स्यात् सदृशम् , (४) स्याद्विसदृशम् , (५) स्याद्वाच्यम् , (६) स्यात् न वा च्यम् , (७) स्यात् सत् , (८) स्यात् असत् ऐसे आठो ही पक्षों में स्यात् शब्द लगाया जाता है। जो प्रत्येक लिङ्गोका,
SR No.010452
Book TitleRaichandra Jain Shastra Mala Syadwad Manjiri
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParamshrut Prabhavak Mandal
PublisherParamshrut Prabhavak Mandal
Publication Year1910
Total Pages443
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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