________________
५८] प्राचीन जैन सारक।
इनका सबसे पहला लेख राजा धांगा (९५०-९९) का है जो बहुत बलवान राजा था । इसने महमूदके विरुद्ध सन् ९७८में लाहोरके जयपालको मदद दी थी।
फिर राना गांदा या नंदराय (सन् ९९९-१०२५) ने भी जयपालको महमूदके विरुद्ध मदद दी थी ऐसा मुसल्मान इतिहासकार कहते हैं।
चन्देलोंका ग्यारहवां राजा कीर्तिवर्मा प्रथम था उसका पुत्र सलक्षण था, जिसने चन्दी व दक्षिण कौशलके राजा कर्णको जीत लिया था। इसने महोवामें कीरतिसागर नामका सरोवर तथा अनयगढ़में कुछ मकान बनवाए । पंद्रहवां राजा मदनबर्मा (११३०११६५) वड़ा कठोर राजा था । इसने चेदी राज्यको नीता तथा यह कहा जाता है कि इसने गुजरातको भी विजय किया था।
इसके पीछे परमार्दी देव या वरमाल (११६५-१२०३) हुआ। इसके राज्यमें दिहलीके पृथ्वीरानने सन् १९८२ में बुन्देलखण्डको जीत लिया । कुतबुद्दीनने सन् १२०३ में देशको ध्वंश किया।
चन्देलोंका राज्य इस हदमें था कि पश्चिममें धसान, उत्तरमें जमना नदी, पूर्वमें विन्ध्यापहाड़ी, पश्चिममें वेतवा, कालिंजर, खजराहा, महोबा और अजयगढ़ तक । शिलालेखोंमें इनके देशको जेजक भुकूति या निझोती कहते हैं इसीसे जिझोती ब्राह्मणोंकी उत्पत्ति है।
बुन्देला लोग यह कहा जाता है कि इनकी उत्पत्ति पंचम या गहर्वासे है। चौदहवीं शताब्दीमें इनका अधिकार जमा हुआ था। ये मऊ, कालिंजर व काल्पीमें बसे । १५०७ ई० में बाबर बाद...